मप्र: आज-कल में हो सकता है प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला, मचा घमासान
भोपाल, 30 अगस्त । मुख्यमंत्री कमनलाथ इन दिनों दिल्ली में हैं और पार्टी पदाधिकारियों के साथ के साथ बैंठकें-मुलाकातें कर नये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के चयन को लेकर विचार-विमर्श कर रहे हैं। इस मामले को लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक घमासान मचा हुआ है। ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, अजय सिंह जैसे दिग्गज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल हैं और उनके समर्थकों के बीच खींचतान भी देखने को मिल रही है। जानकारी मिल रही है कि नये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला आज-कल में हो सकता है। इसी बीच मंत्रियों-पार्टी नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं।
इस मामले में प्रदेश के उच्च शिक्षा और खेल मंत्री जीतू पटवारी का बयान सामने आया है। उन्होंने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की पसंद होगा। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रही खींचतान के सवाल पर कहा कि पार्टी में सभी कार्यकर्ताओं को अपनी भावनाएं व्यक्त करने का अधिकार है। परिवार के लोग संगठन के अंदर भी बात करते हैं या सार्वजनिक भी करते हैं। प्रदेश अध्यक्ष वही बनेगा, जो अच्छा संगठक होगा, समर्पित नेता होगा। सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की पसंद होगा। नया अध्यक्ष सरकार और मुख्यमंत्री का सहयोगी होगा और प्रदेश की मूल विचारधारा जन-जन तक पहुंचाने वाला नेता होगा। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी को लेकर कहा कि वे भी परिवार के सदस्य है। उन्हें भी अपनी भावना व्यक्त करने का अधिकार है। आखिरी फैसला हाईकमान को लेना है।
वहीं, कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ गोविन्द सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश की कमान सौंपने की वकालत की है। उन्होंने कहा है कि सिंधिया प्रदेशाध्यक्ष बनेंगे तो बेहतर कमान संभाल सकेंगे। वह नौजवान हैं, बेहतर काम करके दिखाएंगे। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी में हाई कमान सारे निर्णय लेता है। सोनिया गांधी जी जिसको अध्यक्ष बनाएंगी, उनका हम स्वागत करेंगे। बता दें कि सिंधिया का नाम रेस में सबसे आगे चल रहा है। कई विधायक, मंत्री और सिंधिया समर्थक उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर चुके हैं।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा और सरकार बनाने में सफल रही। इसके बाद पार्टी हाईकमान द्वारा प्रदेश अध्यक्ष कमनलाथ को मुख्यमंत्री बना दिया, तभी से वे दो जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। कमलनाथ कई बार प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर चुके हैं। अब वे दिल्ली में नये प्रदेश अध्यक्ष की कवायद में जुटे हुए हैं। संभावना जताई जा रही है कि आज या कल में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर फैसला हो सकता है। (हि.स.)