एकनाथ शिंदे ने चली अब एक और बड़ी चाल, शिवसेना से बाहर हो जाएगा ठाकरे परिवार !

Update: 2022-07-04 10:38 GMT

मुंबई। महाराष्ट्र में जारी सियासी समस्या का आज एकनाथ शिंदे की सरकार को बहुमत साबित करने के साथ अंत हो गया लेकिन शिवसेना पर दावे को लेकर लड़ाई बाकी है। बहुमत सिद्ध होने के बाद उद्धव ठाकरे के हाथ से सरकार के बाद शिवसेना जाने का भी खतरा बढ़ गया है। यदि शिंदे गुट दावा सिद्ध करने में सफल हुए तो उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे अपनी ही पार्टी से बाहर हो सकते है।  साथ ही विधायकी भी जा सकती है।  

शिवसेना ने क्या ठाकरे परिवार बाहर हो जाएगा ये सवाल अब सब पूछ रहे है। इसके लिए पहले ये जानना जरुरी है की आज सदन में क्या हुआ। विधानसभा में बहुमत परिक्षण के दौरान शिंदे गुट और भाजपा गठबंधन की सरकार के पक्ष में 164 वोट पड़े। महाविकास अघाड़ी के पक्ष में 99 मत पड़े।  22 विधायक सदन से बाहर रहे, जिसमें कांग्रेस के 10 विधायक भी शामिल है।  कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, जितेश अंतापुरकर, जीशान सिद्दीकी, प्रणति शिंदे, विजय वडेट्टीवार, धीरज देशमुख, कुणाल पाटिल, राजू आवाले, मोहनराव हम्बर्दे और शिरीष चौधरी शामिल हैं। इसके अलावा एनसीपी के अन्ना बंसोडे, संग्राम जगताप समेत कुछ अन्य विधायकों ने भी वोटिंग से दूरी बना ली।

कांग्रेस और एनसीपी के अलावा शिवसेना (उद्धव गुट) के दो विधायकों ने भी आखिरी समय में पाला बदल लिया और एकनाथ शिंदे के साथ जा मिले। दूसरी ओर शिंदे के साथ गोवा जाकर बगावत करने वाले दो विधायक वापिस उद्धव ठाकरे के खेमे में लौट आए। उन्होंने एकनाथ शिंदे के खिलाफ वोट डाला।  

एकनाथ की कैसे होगी शिवसेना - 

सीएम बनने के बाद एकनाथ शिंदे के समर्थन से भाजपा राहुल नार्वेकरर स्पीकर बने। राहुल ने अध्यक्ष पद संभालते ही उद्धव गुट के शिवसेना सचेतक सुनील प्रभु और विधायक दल के नेता अजय चौधरी को पद से हटा दिया। की जगह एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता दी। पार्टी व्हिप के रूप में शिंदे गुट के भरत गोगावले को नियुक्त किया। 

फ्लोर टेस्ट के दौरान नवनियुक्त व्हिप ने विधायकों को एकनाथ शिंदे के पक्ष में मत डालने के लिए कहा था। जिसे दरकिनार कर उद्धव ठाकरे गुट के 16 विधायकों ने एकनाथ शिंदे के खिलाफ मत डाला। इन विधायकों में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी शामिल थे। अब विधानसभा स्पीकर इन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करते है तो आदित्य ठाकरे समेत सभी 16 विधायकों की विधायकी निरस्त हो जाएगी।  साथ ही पार्टी से भी बाहर हो जाएंगे।  

बता दें की वर्तमान में उद्धव ठाकरे शिवसेना के अध्यक्ष है। एकनाथ शिंदे सरकार हासिल करने के बाद शिवसेना पर कब्जे की कोशिश कर रहे है।  वर्तमान में एकनाथ शिंदे के पास 40 विधयकों का समर्थन है।  इसके अलावा पार्टी के भी कई नेता उनके साथ है। ऐसे में माना जा है की आने वाले समय में उद्धव ठाकरे और उनके समर्थक विधायकों को एकनाथ शिंदे पार्टी से बाहर कर अपना शिवसेना पर अपना कब्ज़ा कमा लेंगे।  

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