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हंगामे के बीच तीन तलाक विधेयक लोकसभा में पेश

Update: 2018-12-17 11:05 GMT

नई दिल्ली, 17 दिसंबर। लोकसभा में हंगामें के बीच सोमवार को तीन तलाक मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018 पेश किया गया। केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की ओर से रखे गए इस विधेयक का कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक एक समुदाय विशेष के लिए है और संविधान के कई अनुच्छेदों का विरोध करता है।

उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में लंबित तीन तलाक संबंधित विधेयक में संशोधन कर सरकार इसे दोबारा लोकसभा में लाई है। 2017 के कानून की तरह त्वरित तीन तलाक गैर जमानती रहेगा लेकिन अब मैजिस्ट्रेट से जमानत मिलने का प्रावधान होगा। तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) और निकाह हलाला संबंधी मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 लोकसभा में बहुमत होने के चलते पिछले साल पारित हो गया था लेकिन राज्यसभा में बहुमत न होने के चलते अटक गया था। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार तीन तलाक मामले में दर्ज प्राथमिकी तभी संज्ञेय होगी जब उसे पत्नी या उसका कोई रिश्तेदार दर्ज करायेगा। पति-पत्नी से बातचीत कर मैजिस्ट्रेट मामले में समझौता करा सकता है।

वहीं आज सदन के शुरु होने के कुछ देर बाद ही हंगामा शुरु हो गया। यहां पक्ष और विपक्ष सीधे तौर पर राफेल मुद्दे पर आमने सामने नजर आए। वहीं दूसरी ओर अन्ना द्रमुक और टीडीपी सदन के बीच में आकर नारे बाजी करने लगे। इस हंगामें में कांग्रेस भी राफेल मुद्दे पर जेपीसी की मांग लेकर शामिल हो गई। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही एक बार स्थगित हुई और बाद में दिनभर के लिए स्थगित हो गई। (हि.स.)

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