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चंद्रबाबू नायडू को लगा बड़ा झटका, टीडीपी के चार राज्यसभा सांसद भाजपा में हुए शामिल

Update: 2019-06-20 13:49 GMT

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद टीडीपी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू को एक और बड़ा झटका लगा है। राज्यसभा में तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) के चार सदस्यों ने अपनी पार्टी से अलग होकर उच्च सदन यानी राज्यसभा में बीजेपी के साथ जाने का फैसला कर लिया है। राज्यसभा के टीडीपी सांसद वाईएस चौधरी, सीएम रमेश, टीजी वेंकटेश, बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए। टीडीपी के राज्यसभा सांसद जीएम राव औपचारिक रूप से बाद में ज्वाइन करेंगे क्योंकि अभी वह अस्वस्थ हैं।

दरअसल, राज्यसभा में छह सदस्यों वाली तेदेपा के चार सदस्यों ने अलग गुट बनाकर भाजपा का समर्थन करने का ऐलान किया। इससे पहले टीडीपी यानी तेदेपा से अलग गुट बनाने वाले चार सदस्यों ने राज्यसभा के सभापति एम वैंकेया नायडू को पत्र लिखकर अपने फैसले से अवगत करा दिया। वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राज्यसभा के टीडीपी सांसदों- वाईएस चौधरी, सीएम रमेश, टीजी वेंकटेश और जीएम राव ने आज बीजेपी के साथ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के विधानमंडल दल का विलय करने का प्रस्ताव पारित किया।

उल्लेखनीय है कि चार सदस्यों का समर्थन मिलने से उच्च सदन में बहुमत के संकट से जूझ रही भाजपा को राहत मिलेगी। भाजपा की अगुवाई वाले राजग के पास राज्यसभा में फिलहाल बहुमत नहीं है।आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता वाली तेदेपा के राज्यसभा में छह सदस्य हैं और दलबदल विरोधी कानून के मुतबिक किसी दल से अलग हुये नये गुट को तभी मान्यता मिलेगी जबकि उसके दो तिहाई सदस्य इस गुट में शामिल हों। राज्यसभा की कुल सदस्य संख्या 245 है। उच्च सदन में सर्वाधिक 71 सदस्यों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है।

इस बीच टीडीपी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हमने भाजपा के साथ केवल विशेष दर्जे की मांग और राज्य के हितों के लिए लड़ाई लड़ी। हमने टीडीपी को कमजोर करने के भाजपा के प्रयासों की निंदा करते हुए विशेष दर्जा के लिए केंद्रीय मंत्रियों के पद को त्याग दिया। पार्टी के लिए संकट कोई नई बात नहीं है। नेताओं और कैडर को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। 

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