चांद तारा के निशान वाले झंडे पर उच्चतम न्यायालय ने मांगा केंद्र से जवाब

Update: 2018-07-16 08:50 GMT

नई दिल्ली। चांद तारा के निशान वाले हरे रंग के झंडे पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने एएसजी तुषार मेहता से कहा कि इस मामले पर केंद्र से निर्देश प्राप्त कर कोर्ट को बताएं।

याचिका यूपी शिया वक़्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने दायर की है। रिजवी का कहना है कि ये झंडा पाकिस्तान और मुस्लिम लीग से मिलता-जुलता है। मुस्लिम इलाकों में इसे फहराया जाना गलतफहमी और सांप्रदायिक तनाव की वजह बनता है। अपनी याचिका में रिजवी ने कहा है कि देशभर में इस तरह के झंडे को फहराने पर प्रतिबंध लगाया जाए।

याचिका में कहा गया है कि इस झंडे का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है। याचिका में झंडों का इतिहास बताते हुए कहा गया है कि पैगंबर मोहम्मद अपने कारवां में सफेद या काले रंग के झंडों का इस्तेमाल करते थे। रिजवी ने कहा है कि इस चांद-सितारे के हरे झंडे का ईजाद 1906 में नवाब बकर उल मलिक और मुहम्मद अली जिन्ना ने की थी।

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