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सुप्रीम कोर्ट ने कहा - रेप, एसिड अटैक पीड़ितों को मुआवजा देने की योजना में नाबालिग लड़कों और पुरुषों को भी करें शामिल

Update: 2018-09-05 10:28 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रेप और एसिड अटैक पीड़ितों को मुआवजा देने की योजना में नाबालिग लड़कों और पुरुषों को भी शामिल करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी(नालसा) की योजना को जेंडर न्यूट्रल कहा है । इसके तहत रेप पीड़ित को न्यूनतम पांच लाख और एसिड अटैक पर सात लाख मुआवजा देने की बात कही गई है। कोर्ट ने पॉस्को एक्ट में सुनवाई कर रहे स्पेशल जजों को दो अक्टूबर से योजना लागू करने का आदेश दिया है।

एसिड हमला मुआवजा स्कीम में पुरुषों को भी शामिल करने वाली याचिका में कहा गया था कि एसिड अटैक पीड़ित पुरुषों को न मुआवजा मिलता है और न सरकारी खर्चे पर इलाज । इस साल जनवरी से अब तक एसिड अटैक के 18 मामले सामने आये हैं। इनमें तीन मामले पुरुषों पर हमले के हैं ।

11 मई को निर्भया फंड मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़ित महिलाओं को मुआवजा देने की योजना को मंज़ूरी दी थी। कोर्ट ने रेप पीड़िता को न्यूनतम पांच लाख और एसिड अटैक की शिकार महिलाओं को सात लाख का मुआवजा देने को मंजूरी दी । कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वो सभी राज्यों को ये स्कीम भेज दें। इस स्कीम का राज्य सरकारों को पालन करने का निर्देश दिया है।

आठ मई को नालसा ने रिपोर्ट दी थी, जिसमें कहा गया था कि देशभर में यौन अपराधों के पीड़ितों में से महज पांच से दस फीसदी को ही मुआवजा उपलब्ध होता है। 

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