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सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के बैड लोन सर्कुलर को असंवैधानिक करार दिया

Update: 2019-04-02 06:07 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक के 12 फरवरी के उस सर्कुलर को असवैंधानिक करार दिया है जिसमें कहा गया था कि एक दिन का भी डिफॉल्ट होने पर किसी कंपनी के कर्ज को एनपीए में डाल दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पावर कंपनी, शुगर और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों को राहत मिली है।

रिजर्व बैंक के सर्कुलर के मुताबिक अगर कोई कंपनी एक दिन का डिफॉल्ट कर देती है और लोन नहीं चुकाती है तो उस कर्ज को नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स(एनपीए) माना जाएगा। डिफॉल्ट के 180 दिन के भीतर अगर मामला नहीं सुलझता है तो बैंक को ऐसे अकाउंट की जानकारी नेशनल कंपनी लॉ-ट्रिब्युनल को देनी होगी। ये अकाउंट 2000 करोड़ से ज्यादा का होना चाहिए।

इस सर्कुलर के तहत बैंक को 180 दिन की डेडलाइन खत्म होने के 15 दिन के भीतर इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्शी कोड 2016 के तहत कंपनी के दिवालिया की अर्जी देनी होती है। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बैंक अब इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्शी कोड 2016 के बाहर भी केस सुलझा सकेंगे। 

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