भुवनेश्वर। सतह से सतह तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सोमवार को ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से सफल परीक्षण किया गया। स्वदेश में विकसित इस मिसाइल की न्यूनतम मारक क्षमता पांच हजार किलोमीटर है। यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।
कलाम द्वीप के लॉन्च पैड-4 से सोमवार दोपहर एक बजकर 28 मिनट पर इसका परीक्षण किया गया। यह मिसाइल का 7वां सफल परीक्षण है। इसको विकसित करने वाला भारत दुनिया का पांचवां देश बन गया है। अभी तक ये मिसाइल सिर्फ अमेरिका, चीन, रूस और फ्रांस के ही पास थीं।
प्रक्षेपण के बाद मिसाइल ने सीधे आसमान में उड़ान भरी। मिसाइल की लंबाई 17.5 मीटर, चौड़ाई 02 मीटर और वजन 50 टन है। इसमें डेढ़ टन विस्फोटक पदार्थ ढोने की क्षमता है। इसका पहला सफल परीक्षण साल 2012, दूसरा 2013, तीसरा 2015, चौथा 2016, पांचवां जनवरी 2018 और छठा जून 2018 में किया गया था।
मिसाइल के परीक्षण के दौरान अंतरिम परीक्षण परिषद (आईटीआर) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारी और वैज्ञानिक दल मौके पर मौजूद था। सूत्रों ने बताया कि बंगाल की खाड़ी स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से मिसाइल को छोड़े जाने के बीच इसने हिंद महासागर में अचूक निशाना लगाया। इस मिसाइल को डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है।
यह अग्नि सीरीज की मिसाइल है। अग्नि-4 और अग्नि-5 को चीन को ध्यान में रखते हुए निर्मित किया गया है। जबकि, अग्नि-1, अग्नि-2 और अग्नि-3 मिसाइल पाकिस्तान को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। (हिस)