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ऑपरेशन जयारोग्य : दलाल ने पत्रकार से कहा कि अभी इस धंधे में नए हो पहले काम सीखों

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Update: 2019-06-23 23:45 GMT
मरीज के पास पैसा नहीं है, इसीलिए जयारोग्य में भर्ती कराया

ग्वालियर। रात के 12 बजकर 1 मिनट हुए होंगे, हम निजी अस्पतालों के दलाल बनकर जयारोग्य चिकित्सालय के आकस्मिक चिकित्सा कक्ष के बाहर पहुंचे वहां भितरवार से मरीज को लेकर आई 108 एम्बुलेंस के ईएमटी से पूछा, तो उसने बताया कि बुजुर्ग मरीज को ह्दयाघात हुआ है। इसे कार्डियिक सेंटर ले जा रहा हूं, हमने पूछा कि निजी अस्पताल के लिए बात नहीं हुई क्या? इस पर ईएमटी अरविंद भदौरिया बोला कि रास्ते भर से मैं दो घंटे सिर खपाकर आ रहा हूं, लेकिन पार्टी में दम नहीं है। इसीलिए यहीं भर्ती करा दूंगा। यानि की यदि पार्टी आर्थिक रुप से मजबूत होती, तो चालक उसे जयारोग्य की बजाय किसी निजी नर्सिंग होम में ले जाता। इसके बाद एम्बुलेंस ईएमटी ने उल्टा हमारा ही साक्षात्कार ले डाला। चालक ने हमसे पूछा कि तुम लोग क्या करते हो। तो हमने बताया कि हम लोग अभी इस लाइन में नए आए है। हमने ईएमटी को शहर के एक निजी अस्पताल का नाम बताते हुए कहा कि हमें भी एक मरीज शिफ्ट करने के पांच हजार रुपए मिल रहे है। जिस पर ईएमटी ने बताया कि आपको पैसे कम मिल रहे है। यह पूरा करोबार विश्वास पर चल रहा है। यह कहते हुए ईएमटी ने अपना मोबाइल नम्बर भी हमें दे दिया। ईएमटी ने कहा कि आप हमसे संपर्क में रहना, अगर कोई भी मरीज आएगा तो हम आपको बता दिया करेंगे। यह कहकर ईमएटी वहां से कार्डियिक के लिए रवाना हो गया।

शासन द्वारा आमजन की मदद के लिए चलाई जाने वाली 108 एम्बुलेंस का स्टाफ भी हादसे में घायल तथा अन्य गंभीर मरीजों को जयारोग्य की इमरजेंसी में ले जाने की जगह मरीज तथा उसके परिजनों का ब्रेन वॉश कर उन्हें बेहतर इलाज का झांसा देकर मरीज को निजी अस्पताल मे ले जाने की सलाह देता है। ऐसे समय परेशान परिजन अपने मरीज की जान बचाने के लिए उसे निजी अस्पताल मे लेकर आ जाते है और इसके बाद इलाज के लिए लाने वाले दलाल के कमीशन का खेल शुरु हो जाता है। पूर्व में 108 स्टाफ के द्वारा मरीजोंं को निजी अस्पतालों मे ले जाने की शिकायते सामने आ चुकी है। लेकिन उसके बाद भी इस प्रथा पर रोक लगने की जगह यह कारोबार और तेजी से बढ़ता जा रहा है। स्वदेश द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में इस बात का भी खुलासा हुआ कि एक रोगी पर निजी अस्पताल मरीज को लाने वाले दलाल को 20 से 30 प्रतिशत कमीशन दे रहे हैं। खासबात यह है कि यह धंधा पूरी तरह भरोसे पर चल रहा है।

एन्ट्री कराने के बाद करते है शिफ्ट

एम्बुलेंस 108 मरीज को जयारोग्य लेकर पहुंचती है और कुछ देर एंबुलेंस अस्पताल में ही खड़ी रहती है। एम्बुलेंस में मौजूद ईएमटी मरीज को भर्ती करने के लिए कैजुअल्टी में एन्ट्री कराने के बाद 108 मरीज को किसी निजी अस्पताल ले जाने रवाना हो जाती है। कई बार 108 के आते ही निजी अस्पताल की एंबुलेंस आ जाती है । मरीज को 108 से उतार कर लेकर चली जाती है। यहां कोई यह तक नहीं पूछता कि आखिर मरीज आया तो यहां था, फिर उसे कैसे ले जा रहे हो।

कई बार हो चुकी है शिकायतें

108 एम्बुलेंस से मरीजों को निजी अस्पताल में शिफ्ट करने के कई मामले भी सामने आ चुके हैं। इसको लेकर कई बार शिकायतें भी की जा चुकी हैं। लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने के कारण 108 चालकों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वह खुलेआम मरीजों को शिफ्ट करने से नहीं डरते।

अव्यवस्थाओं की दी जाती है दुहाई

एम्बुलेंस जब किसी मरीज को लेने पहुंची तो मरीज के एम्बुलेंस में बैठते ही एम्बुलेंस में मौजूद स्टॉफ जयारोग्य अस्पताल की अव्यवस्थाएं गिनाना शुरू कर देता है। इतना ही नहीं एम्बुलेंस का स्टॉफ मरीज के परिजनों को इस तरह डरा देता है कि वह कुछ समझ नहीं पता और मरीज की जान बचाने के लिए निजी अस्पताल में ले जाने के लिए तैयार हो जाता है।

बिल के हिसाब से मिलता है कमीशन

एम्बुलेंस के स्टॉफ को मरीज के बिल के हिसाब से उनका हिस्सा कमीशन के रूप में मिलता है। मरीज का जितना ज्यादा बिल होगा, उसी हिसाब से उन्हें उतनी रकम दी जाएगी। इतना ही नहीं इस पूरे खेल में एम्बुलेंस का स्टॉफ अस्पताल में बाकायदा पैसे लेने भी पहुंचता है।

इनका कहना है

108 से अगर मरीजों को निजी अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है तो कार्रवाई के लिए भोपाल पत्र लिखा जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. ए.के. दीक्षित, संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं

दलालों पर दर्ज होगी एफआईआर : जयारोग्य परिसर में घूमने वाले लोगों की धरपकड़ कर हवालात में पहुंचाया जाएगा।

बीएम शर्मा, संभागीय आयुक्त

संभागीय आयुक्त से लेंगे मार्गदर्शन, फिर करेंगे कार्रवाई जयारोग्य अस्पताल परिसर में एक ओर जहां दलाल सक्रिय है, वहीं दूसरी ओर निजी एम्बुलेंस भी अस्पताल में धड़ाधड़ मरीजों को सरकारी अस्पताल से निजी अस्पतालों में शिफ्ट कर रही है। इस मामले की जानकारी अस्पताल प्रबंधन तक जा पहुंची और अब जल्द ही अस्पताल परिसर में बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। स्वदेश से चर्चा करते हुए जयारोग्य के अधीक्षक अशोक मिश्रा ने बताया कि इस संबंध में वह संभागीय आयुक्त से मार्ग दर्शन लेकर कार्रवाई करेंगे।

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