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'धारा 35-ए' मामला : घाटी में बंद का आह्वान, दो दिन के लिए अमरनाथ यात्रा पर रोक

Update: 2018-08-05 05:36 GMT

जम्मू। जम्मू कश्मीर में नागरिकता कानून यानी 'धारा 35-ए' को चुनौती देनी वाली याचिका पर सुनवाई से पहले राजनीती तेज हो गई है। इसको लेकर अलगाववादियों के बंद के आह्वान के चलते प्रशासन ने रविवार को अमरनाथ यात्रा दो दिन के लिए रद्द करने का फैसला किया है। अलगाववादियों ने घाटी में बंद का आह्वान अनुच्छेद 35-ए को समर्थन देने के लिए किया है, जो राज्य को विशेष अधिकार प्रदान करता है। अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक ने 'संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व' के बैनर तले पूरे प्रदेश में रविवार और सोमवार को बंद का एलान किया है। कई संगठनों ने धमकी दी है कि अगर कोर्ट इस अनुच्छेद को हटा देती है तो वे जन आंदोलन करेंगे।

पुलिस के अनुसार, भगवती नगर यात्री निवास से किसी अमरनाथ तीर्थयात्री को आगे जाने नहीं दिया गया। उधमपुर और रामबन में विशेष जांच चौकियां स्थापित की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तीर्थयात्रियों का जत्था जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर नहीं पहुंचे जो इन दोनों जिलों से गुजरता है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि घाटी में बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों में मौजूद यात्री यात्रा को जारी रखेंगे। 28 जून को सालाना अमरनाथ की धार्मिक यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 2.71 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र गुफा में स्थित शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं। इस यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा, उस दिन श्रावण पूर्णिमा भी हैं।

हम आपको बता दें, नेशनल कांफ्रेंस और उसकी धुर विरोधी पीडीपी ने सुप्रीम कोर्ट में छह अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 35ए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई से पहले शनिवार को अलग-अलग विरोध प्रदर्शन किया। इस अनुच्छेद के तहत जम्मू-कश्मीर के निवासियों को विशेष दर्जा दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर डाली गई विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इनमें से एक याचिका आरएसएस से संबद्ध गैर सरकारी संगठन 'वी द सिटिजन्स' ने इस अनुच्छेद को खत्म करने के लिए डाली है।

नेशनल कांफ्रेंस के विधायक खान्यार मोहम्मद सागर के नेतृत्व में सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं ने बैनर और प्लेकार्ड लेकर पार्टी मुख्यालय नवाए-ए-सुबह से शेर-ए-कश्मीर पार्क तक मार्च निकाला। एक बैनर पर लिखा था 'अगर अनुच्छेद 35 ए और 370 नहीं रहता है तो भारत में जम्मू-कश्मीर का विलय नहीं।' पीडीपी ने भी शेर-ए-कश्मीर पार्क के निकट अपने कार्यालय से मार्च निकाला।

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