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सबरीमाला मंदिर : केरल देवासम बोर्ड जाएगा उच्चतम न्यायालय

पुलिस ने अपनी वर्दी पहना महिला के प्रवेश का षड़्यंत्र रचा, पुजारी ने मंदिर में ताला डालकर जाने की दी धमकी

Update: 2018-10-19 13:23 GMT

नई दिल्ली / स्वदेश वेब डेस्क। केरल स्थिति भगवान अय्यप्पा के प्राचीन मंदिर सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को लेकर मंदिर के पुजारियों और श्रद्धालुओं का विरोध शुक्रवार को भी जारी रहा। जिसके बाद केरल देवासम बोर्ड ने घोषणा की कि वह उच्चतम न्यायालय में पुनर्रीक्षण याचिका दायर करेगा।

सबरीमाला में विरोध और तनाव से बिगड़ती स्थिति के बीच देवासम बोर्ड की आज शाम आपात बैठक हुई जिसमें फैसला किया गया कि उच्चतम न्यायालय के सभी आयु की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश संबंधित फैसले के खिलाफ न्यायालय में पुनर्रीक्षण याचिका दायर की जाएगी। बोर्ड के अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने कहा कि स्थिति बड़ी गंभीर है और हम नहीं चाहते कि सबरीमाला राजनीति का अखाड़ा बने। मंदिर पूजा-अर्चना का स्थान है, विरोध प्रदर्शन और शक्ति परिक्षण का नहीं।

इसके पहले दिन में कुछ महिला पत्रकारों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने भारी पुलिस संरक्षण के बीच सबरीमाला मंदिर जाने का प्रयास किया था। हैदराबाद की पत्रकार कविता जक्कल, महिला अधिकार कार्यकर्ता रेहाना फातिमा और मैरी स्वीटी ने आधार केन्द्र पंपा से सबरीमाला की ओर कूच किया था। केरल पुलिस के महानिदेशक एस. श्रीजीत भारी पुलिस बल के साथ सविता जक्कल और रेहाना फातिमा को सुरक्षा घेरा प्रदान करते हुए मंदिर के पास तक पहुंच गए थे।

इस स्थिति में मंदिर के मुख्य पुजारी राजीव वारी ने धमकी दी थी कि वह मंदिर के कपाट पर ताला लगाकर और चाबियां प्रशासन को सौंपकर वहां से चले जायेंगे। सबरीमाला के इतिहास में पहली बार मंदिर के पुजारियों ने मंदिर में ताला लगाने की धमकी दी। पुलिस महानिरक्षक ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी राज्य सरकार को दी। सरकार को देवासम बोर्ड मंत्री के सुरेन्द्रन ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ किसी प्रकार के बल प्रयोग नहीं करने की सलाह दी। बाद में सुरेन्द्रन ने कहा कि सबरीमाला मंदिर शक्ति प्रदर्शन का स्थान नहीं है। महिला कार्यकर्ताओं को अपना पक्ष जाहिर करने के लिए मंदिर जाने पर जोर देना नहीं चाहिए। बाद में इन महिलाओं को सुरक्षा घेरे के बीच वापस आधार केन्द्र पंपा पहुंचाया गया। 

केरल में कांग्रेस के नेता रमेश सेखाला ने आज राज्यपाल से मुलाकात कर सबरीमाला प्रकरण में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया । उन्होंने इस बात पर आपत्ति की कि केरल पुलिस ने महिला कार्यकर्ता रेहाना फातिमा को पुलिस वर्दी पहनाकर मंदिर ले जाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को पुलिस की वर्दी पहनाना नियमों का उल्लंघन है। 

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