नई दिल्ली। असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम मसौदे में करीब 40 लाख लोगों के नाम नहीं होने के मुद्दे पर सदन में शोर-शराबे और हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही 3 बार के स्थगन के बाद फिर मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन में एनआरसी के मामले पर विपक्षी सदस्यों द्वारा हंगामे के चलते सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही पहले 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद जैसे ही सदन शुरू हुआ तो सभापति एम वेंकैया नायडू आसन पर बैठे तृणमूल कांग्रेस और अन्य दलों के सदस्यों ने कुछ कहना चाहा, लेकिन सभापति ने बिना कुछ बोले और बिना कुछ सुने ही कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी। इसके चलते प्रश्नकाल नहीं भी हो सका।
भोजनावकाश के बाद सभापित एम.वेंकैया नायडू ने जैसे ही ही सदन की कार्यवाही शुरू करने का प्रयास किया तो तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन अपनी सीट पर खड़े हो गए और जोर-जोर से बोलने लगे। इसी बीच सदन में विपक्ष के नेता गुलामनबी आजाद और कांग्रेस के अन्य सदस्य भी बोलने लगे। साथ ही, समाजवादी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य नारेबाजी करने लगे।
सभापति ने कहा कि यह तरीका ठीक नहीं है और फिर उन्होंने 10 मिनट तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। बाद में कार्यवाही शुरू होने पर ब्रायन ने कहा कि यह राजनीति का मुद्दा नहीं है। यह अपने देश के लोगों का मुद्दा है। यह मानवीय और राष्ट्रीयता से जुड़ा हुआ है। इस पर तुरंत चर्चा होनी चाहिए। तब सभापति ने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह सदन में बयान देंगे, लेकिन वह अभी नहीं पहुंच पा रहे हैं। उन्होंने सदस्यों से शांत होने और सदन चलने देने की अपील की, लेकिन इसका कोई असर नहीं होते देख नायडू ने चौथी बार सदन को दिनभर के लिए स्थगित कर दी।