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मोदी मंत्रिमंडल में जगह पाने वाली रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद

Update: 2019-05-31 12:47 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ की तेज-तर्रार आदिवासी सांसद रेणुका सिंह को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। रेणुका को जनजातीय (आदिवासी) मामलों के मंत्रालय में केन्द्रीय राज्य मंत्री बनाया गया है। सरगुजा को 42 साल बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली है। रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ से केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह बनाने वाली पहली महिला सांसद हैं।

सरगुजा को साधने की कोशिश :

प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद सरगुजा संभाग से मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने की आवाज उठाई गई थी। हालांकि, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों चेहरे दुर्ग संभाग से चुने गए थे। अमित शाह ने सरगुजा से रेणुका सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल कर तीन मैसेज दिए हैं। पहला केवल नए चेहरों को चुनाव लड़ने का मौका, दूसरा प्रदेश से महिला को कैबिनेट में शामिल करने और तीसरा और सबसे खास मैसेज सरगुजा के लोगों के लिए है कि इनका ध्यान कांग्रेस पार्टी भले ही न रखे, लेकिन भाजपा ने इस बात का पूरा ख्याल किया है।

गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में संभागवार परिणाम में बीजेपी का सबसे बुरा हाल सरगुजा में ही हुआ था। यहां की सभी 14 सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। फिर भी लोकसभा चुनाव में सरगुजा संसदीय क्षेत्र में बीजेपी मजबूत मानी जा रही थी। बीजेपी ने यहां से पूर्व विधायक रेणुका सिंह को मैदान में उतारा। लोकसभा चुनाव 2019 में रेणुका सिंह का सीधा मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी खेलसाय सिंह से था। रेणुका सिंह को डेढ़ लाख से अधिक वोटों से जीत मिली है।

प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में रेणुका सिंह का नाम कहीं भी मंत्री पद के लिए नहीं चल रहा था। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, राज्यसभा सांसद व भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय, राज्यसभा सांसद व अजजा मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम, दुर्ग सांसद विजय बघेल आदि के नाम चर्चा में थे। बताते हैं कि रेणुका सिंह को मंत्रिमंडल में जगह देकर मोदी ने प्रदेश के नेताओं को सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है।

स्कूली शिक्षा और राजनीतिक सफर :

55 वर्षीय रेणुका सिंह 12वीं पास हैं। इनके पास 2.76 करोड़ की संपत्ति है। रेणुका सिंह पिता फूल सिंह सूरजपुर जिले के सुभाष चौक रामानुजनगर की निवासी हैं। आदिवासी नेत्री रेणुका सिंह पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री भी रही चुकी हैं। वे अनुसूचित जनजाति की तेजतर्रार नेत्री के तौर पर भी जानी जाती हैं। रेणुका सिंह प्रेमनगर से विधायक दो बार निर्वाचित हुई हैं। 2003 से 2005 तक महिला बाल विकास मंत्री भी रही हैं। इसके साथ ही वे 2005 से 2013 तक सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष भी थीं। वर्तमान वे सरगुजा सांसद निर्वाचित हुई हैं। इसके अलावा उन्हें आदिवासी मामलों के राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है।

आदिवासी मामलों के राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने बताया क‍ि, सांसद बनने से पहले मैंने एक कार्यकर्ता, विधायक और मंत्री के रूप में भी काम किया है। मुझे नहीं लगता कि अब सरगुजा के विकास को कोई रोक पाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी लहर मेरी जीत की सबसे बड़ी वजह थी। इसके बाद कांग्रेस सरकार से लोगों का भरोसा उठना भी महत्वपूर्ण कारक था। कांग्रेस सरकार ने अब तक लोगों के हितों को ध्यान में रखकर कोई काम नहीं किया है। कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि, विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान झूठ बोलकर कांग्रेस ने जनता से वोट मांगा था। सरगुजावासियों को कहा गया था कि टीएस सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। स्वास्थ्य मंत्री बने तो स्मार्ट कार्ड बन्द कर दिया। इन कारणों से भी सरगुजा की जनता का कांग्रेस से विश्वास उठ गया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी है उसे मैं पूरी नि‍ष्‍ठा के साथ निर्वहन करूंगी। (हि.स.)

 

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