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राष्ट्रपति बोले - पर्यटन में निजी क्षेत्र व नागरिक समाज की अहम भूमिका

Update: 2018-08-23 09:32 GMT

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को छठे अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि पर्यटन एक बहु-हितधारक उद्यम है। इसमें निजी क्षेत्र और नागरिक समाज की पर्याप्त भूमिकाएं हैं। इस दौरान कोविंद ने मंत्रालय की वेबसाइट लैंड ऑफ बुद्धा डॉटइन लॉन्च करने के साथ ही बौद्ध स्थलों पर आधारित एक फिल्म भी रिलीज की।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत में स्थित बौद्ध सर्किट एशिया और दुनिया के अन्य हिस्सों में बसे लगभग 50 करोड़ बौद्ध समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य स्थल है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की यात्रा को सुरक्षित और भयमुक्त बनाने में राज्य और नगरपालिका प्रशासन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत से बौद्ध धर्म की यात्रा और अंतरमहाद्वीपीय लिंक जो कि बनाए गए वह आध्यात्मिकता से अधिक थे।

जापान के राजदूत केंजी हिरामत्सु ने कहा कि भारत और जापान के संबंध बेहद पुराने हैं। उन्होंने कहा कि जापान महात्मा बौद्ध से जुड़े स्थानों को बढ़ावा देना चाहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए वह अजन्ता और एलोरा के पर्यटन में सहयोगी बना है।

केंद्रीय पर्यटन राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) के. जे. अल्‍फोंस ने कहा कि इस सम्मेलन से बौद्ध सर्किट में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। भारत केवल घूमने का स्थान नहीं है। हमारा प्रयास यहां विश्व स्तरीय पर्यटन सुविधाओं को बढ़ावा देना है।

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने यह सम्मेलन महाराष्‍ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकारों के सहयोग से किया है। सम्मेलन में श्रीलंका, वियतनाम, थाइलैंड, कंबोडिया, ब्राजील, भूटान, जर्मनी, फ्रांस, मलेशिया, नॉर्वे, पोलैंड, सिंगापुर, नेपाल, यूएसए, म्यामांर, चीन, कनाडा, मंगोलिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान, बांग्लादेश साउथ कोरिया, ताइवान, स्पेन सहित 29 देशों के प्रतिनिधि और बौद्ध भिक्षु शामिल हुए। जापान इसमें सहयोगी देश है।

कांग्रेस की याचिका पर निर्वाचन आयोग को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से 31 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

कांग्रेस नेता कमलनाथ और सचिन पायलट ने मध्यप्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनावों में हर विधानसभा क्षेत्र से कम से कम दस फीसदी वीवीपीएटी पर्चियों की रैंडम गिनती की जाए और उसका ईवीएम से मिलान किया जाए।

मध्यप्रदेश की मतदाता सूचियों के सत्यापन में 24 लाख फर्जी वोटरों के नाम सामने आए हैं। परीक्षण के बाद ये नाम हटा दिए गए हैं। पुनरीक्षण के दौरान 11 लाख नए मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं। अब प्रदेश में मतदाताओं की संख्या 4 करोड़ 94 लाख हो गई है। मध्यप्रदेश विधानसभा का चुनाव इसी साल होने वाला है। 

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