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महागठबंधन को मात देने की तैयारी

पश्चिमी उप्र में दो चरणों की 16 सीटों पर भाजपा का माइक्रो प्रबंधन

Update: 2019-03-20 06:42 GMT

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के प्र्थम दो चरणों 11 और 16 अप्रैल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 16 सीटों पर होने वाले मतदान के लिए भाजपा ने कमर कस ली है। भाजपा एक ओर जहां अपने सुदृढ़ नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर पूरे उत्साह के साथ भरी हुई है तो उसका बूथ स्तरीय माइक्रो प्रबंधन उसकी बड़ी ताकत है। यही कारण है कि भाजपा इस मिलावटी महागठबंधन को तितर-बितर करने की बात कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्य व योजनाओं को लेकर भाजपा के स्टार प्रचारक व केंद्रीय मंत्री जनता के बीच जाएंगे। सपा बौर बसपा के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार भाई-भतीजावाद की पोल खोलेंगे।

भाजपा प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री मानते हैं उत्तर प्रदेश की जनता सोच-समझकर अपना फैसला सुनाती है। प्रदेश की जनता ने पहले बसपा को मौका दिया फिर सपा पूर्ण बहुमत में आई। लेकिन दोनों की रीतियों व नीतियों में कोई खास फर्क नजर नहीं आया। मायावती का शासन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया तो सपा में चली गुंडागर्दी से त्रस्त जनता ने दोनों ही पार्टियों को तड़ीपार किया। इनका साख डूब गई तो ईमानदार सरकार को कोसने और जनता को गुमराह करने के लिए इनके पास एक ही जुमला रह गया और वो है महागठबधन। कल तक जो एक दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करते थे वे आज कंधे से कंधा मिलाने की बात करते हैं।

पार्टी के स्टार प्रचारक प्रदेश की जनता के बीच जाकर उन्हें मजबूत और मजबूर सरकार का फर्क समझाएंगे। लोगों को बताएंगे कि केंद्र में नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं। एक ईमानदार प्रधानमंत्री के कामकाज से घबराए विपक्षी दल एकजुट होकर मोदी के सामने रोड़ा बनना चाहते हैं। केंद्रीय मंत्री और पार्टी की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती ने तो मायावती को पता और फोन नंबर दे दिया दिया है ताकि किसी तरह की मुसीबत में फंसने पर वे याद कर सकें। उन्होंने नब्बे के दशक के गेस्ट हाउस कांड की याद दिलाते हुए कहा कि तब भाजपा के ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने ही मायावती को बचाया था।

जानकारी हो कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा-रालोद के गठजोड़ की मजबूती को धार देने के लिए बसपा प्रमुख मायावती ने कमान अपने हाथ में ली है। इसके लिए उन्होंने दृढ़ता पूर्वक लड़ाई ;फुलप्रूफ एक्शन प्लानद्ध योजना तैयार की है। इसमें साझा रैलियां शुरू होने से पहले मायावती गठबंधन पार्टियों सपा, बसपा और रालोद के जिलास्तरीय पदाधिकारियों से एक साथ बैठक करने जा रही है। इसके अलावा हारी हुई सीटों पर विशेष ध्यान दिए जाने की रणनीति है।

साझा रैलियों में गठबंधन पूरी ताकत झोकने की रणनीति पर काम कर रही हैं। मायावती चाहती हैं कि रैलियां ऐसी हों, जिसे देखकर विरोधियों को गठबंधन की ताकत का एहसास हो सके। लोकसभा चुनाव के वहले दो चरणों की चुनावी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले दो चरणों में कुल 16 सीटों पर मतदान होना है। पहले चरण में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद व गौतमबुद्ध नगर और दूसरे चरण में नगीना, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा, व फतेहपुर सीकरी में मतदान होना है। 

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