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केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर लाने की तैयारी, मंगलवार को कैबिनेट की बैठक

Update: 2019-12-21 10:30 GMT

नईदिल्ली/वेब डेस्क। केंद्र सरकार नागरिकता कानून के बाद अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर NPR लाने की तैयारी कर रही है।  कुछ दिनों पहले ही भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने इस बारे में विस्तृत जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि असम राज्य को छोड़कर देश के अन्य सभी हिस्सों में एनपीआर पर काम प्रभावी रूप से शुरू किया जाएगा। मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में एनपीआर पर फैसला हो सकता है  

 क्या है राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर - एनपीआर ?

NPR देश के सभी सामान्य निवासियों का दस्तावेज है। इस प्रक्रिया के तहत हर भारतीय नागरिक का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड (आधार के आंकडें)  लिया जाएगा और उनकी वंशावली भी इसमें दर्ज की जाएगी। देश में जो निवासी छह महीने या उससे ज्यादा समय से किसी क्षेत्र में रह रहा है, उसके लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अत्यंत अनिवार्य हो जाएगा।

अधिनियम के अनुसार सरकार इसको राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला, उप जिला व स्थानीय स्तर पर तैयार करेगी।

 देश में एनपीआर तीन चरणों में होगा 

- पहला चरण : एक अप्रैल 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 के बीच होगा। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा घर-घर जाकर जरूरी आंकड़े जुटाए जाएंगे।

- दूसरा चरण : 9 फरवरी 2021 से 28 फरवरी 2021 तक होगा।

- तीसरा चरण : इस चरण में जुटाए आंकड़ों में जरूरी संशोधन किए जाएंगे।

सीपीआई मार्क्सवादी पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने किया विरोध

सरकार को तुरंत NRC / NPR को वापस लेने की घोषणा करनी चाहिए। हम लोगों से अपील करते हैं कि वे संविधान विरोधी नागरिकता संशोधन अधिनियम और कनेक्टेड NRC / NPR के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन जारी रखें। केरल और बंगाल सरकार ने एनपीआर कराने से इनकार कर दिया है 



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