नई दिल्ली। 17वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की जनता ने सबका साथ-सबका विकास के अंदर एक अद्भुत विश्वास भर दिया है। उन्होंने संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का सक्रिय होना अनिवार्य शर्त है। वे नंबर की चिंता छोड़ दें। हमारे लिए उनका हर शब्द मूल्यवान है। हमारे लिए उनकी हर भावना मूल्यवान है। मुझे विश्वास है कि पहले की तुलना में अधिक परिणामकारी हमारे सदन रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि विपक्ष सक्रियता से बोलगा और सदन की कार्यवाही में भाग लेगा। संसदीय लोकतंत्र में सक्रिय विपक्ष और उसकी भूमिका महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में हमें 'पक्ष, 'विपक्ष भूल जाना चाहिए और 'निष्पक्ष भाव से मुद्दों के बारे में सोचना चाहिए, देश के व्यापक हित में काम करना चाहिए।
बता दें कि सत्रहवीं लोकसभा के पहले सत्र में केंद्रीय बजट पारित किया जाएगा और तीन तलाक जैसे अन्य महत्वपूर्ण विधेयक इसमें सरकार के एजेंडे में प्रमुख रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नयी लोकसभा के पहले सत्र की पूर्वसंध्या पर रविवार को सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने 19 जून को सभी दलों के प्रमुखों को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव के मुद्दे पर तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है।
वहीं, संसद सत्र के पहले दो दिन लोकसभा के सभी सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। कार्यवाहक लोकसभा अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार शपथ दिलाएंगे। लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 19 जून को होगा और अगले दिन दोनों सदनों के संयुक्त सत्र की बैठक में राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा। बजट पांच जुलाई को पेश किया जाएगा।