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2022 तक देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करना लक्ष्य : पीएम मोदी

Update: 2019-10-02 15:00 GMT

नई दिल्ली। सरपंचों को संबोधित करते हुए बोले पीएम- ग्यारह करोड़ से ज्यादा शौचालय का निर्माण पांच साल में सुनकर विश्व अचंभित है। उन्होंने कहा 60 महीने में 11 करोड़ शौचालय बनाए गए। उन्होंने कहा कि भारत खुले में शौच से मुक्त हुआ है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरा विश्व हमें इसके लिए पुरस्कृत कर रहा है, सम्मान दे रहा है। 60 महीने में 60 करोड़ से अधिक आबादी को शौचालय की सुविधा देना, 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण, ये सुनकर विश्व अचंभित है। पीएम मोदी ने साबरमती के रिवर फ्रंट से सरपंचों को संबोधित करते हुए कहा कि अभी हमने शौचायल का निर्माण किया है। इसके उपयोग की तरफ लोगों को जागरुक किया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता, पर्यावरण सुरक्षा और जीव सुरक्षा, ये तीनों विषय गांधी जी के प्रिय थे। प्लास्टिक इन तीनों के लिए बहुत बड़ा खतरा है। वर्ष 2022 तक देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का लक्ष्य हमें हासिल करना है।

पीएम मोदी ने कहा कि साढ़े तीन लाख करोड़ रूपये जल जीवन मिशन पर सरकार ने खर्च करने का फैसला किया है। स्वच्छ भारत अभियान से 75 लाख से अधिक रोजगार के अवसर भारत में बने हैं, जिनमें से अधिकतर गांवों के बहन-भाइयों को मिले हैं। पीएम मोदी ने कहा कि UNICEF के एक अनुसार बीते पांच वर्षों में स्वच्छ भारत अभियान से भारत की अर्थव्यवस्था पर 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मुझे संतोष इस बात का है कि स्वच्छता की वजह से गरीब का इलाज पर होने वाला खर्च अब कम हुआ है। इस अभियान ने ग्राणीण इलाकों, आदिवासी अंचलों में लोगों को रोजगार के नए अवसर दिए, बहनों को भी रानी मिस्त्री बनकर काम करने के मौके दिए।

इससे पहले, पीएम मोदी बुधवार को अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम पहुंचे और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने 150 रुपये का स्मृति सिक्का भी जारी किया। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर उन्होंने साबरमती आश्रम में कुछ बच्चों और वॉलेंटियर्स से भी मुलाकात की।

इससे पहले पीएम मोदी ने यहां पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत का कद दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। दुनियाभर में भारत के प्रति आदर बढ़ रहा है। कोई भी इस बदलाव को महसूस कर सकता है। दुनिया यह देख सकती है कि वैश्विक स्तर पर भारत ने कई साकारात्मक बदलाव हुए हैं।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती संयुक्त राष्ट्र में काफी उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। दुनिया की कोई भी समस्या के बारे में बात करिए, महात्मा गांधी का सुझाव उन समस्याओं को निदान देता है।

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