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दिल्ली हिंसा पर संसद परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन, गृहमंत्री का मांगा इस्तीफा

Update: 2020-03-02 05:30 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को घेरते हुए गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने बैठकर प्रदर्शन किया और शाह के इस्तीफे की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आंख पर पट्टी बांध व मौन रहकर प्रदर्शन किया।

सोमवार को संसद भवन परिसर में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की नेतृत्व में पार्टी व तृणमूल सांसदों ने 'प्रधानमंत्री जवाब दो' के नारे लगाते हुए दिल्ली हिंसा पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया। विपक्षी सदस्यों का आरोप है कि देश की राजधानी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में गृह मंत्री विफल रहे हैं। उनकी विफलता के कारण ही दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में भड़की हिंसा ने विकराल रूप ले लिया और 46 लोगों की जान गई व 200 से अधिक लोग घायल हो गए। विपक्षी सदस्यों की मांग थी कि गृहमंत्री को अपनी विफलताओं की जिम्मेदारी लेते हए तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देना चाहिए।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सत्तारुढ़ दल पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली हिंसा के पीछे केंद्र सरकार तथा उसके नेताओं के भड़काऊ भाषण व 'गोली मारो' जैसे नारे ज़िम्मेदार है। उन्होंने कहा कि ये नारा दिल्ली से लेकर कोलकाता तक गूंज रहा है। गोली मारते-मारते दिल्ली के तीन-चार इलाके खाली करवा दिए। उन्हें सरकार से सवाल किया कि क्या यही अच्छे दिन होते हैं?

वहीं, कांग्रेस के शशि थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री को संसद में आकर जवाब देना चाहिए। सिर्फ 56 इंच की बात करने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में लोगों की मौत हो रही थी तब प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं बोले। ऐसे में कांग्रेस पार्टी चाहती है कि वो आकर समझाएं कि क्या चल क्या रहा है और उनकी सरकार का इरादा क्या है।

उल्लेखनीय है कि सोमवार से बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुआ है। इस दौरान जदयू सांसद बैद्यनाथ प्रसाद महतो के 28 फरवरी के निधन को लेकर सांसदों ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित की गई।

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