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जीएसटी को एक साल : अर्थव्यवस्था में आया बड़ा सुधार

आज इसे लागू हुए एक बरस बीत चुका है लेकिन कई लोगों के लिए ये अभी भी एक पहेली ही है।

Update: 2018-07-01 07:55 GMT

नई दिल्ली, स्व.स.से. वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी को लागू हुए एक साल पूरा होने जा रहा है। अप्रत्यक्ष कर के क्षेत्र का सबसे बड़ा सुधार एक देश एक टैक्स के नारे के साथ एक जुलाई 2017 से पूरे देश में लागू हो गया था। आज इसे लागू हुए एक बरस बीत चुका है लेकिन कई लोगों के लिए ये अभी भी एक पहेली ही है। एक साल पूरा होने पर सरकार एक जुलाई को जीएसटी दिवस मना रही है। हालांकि जीएसटी ने देश के कारोबारियों की दिक्कतें दूर की हैं क्योंकि जहां पहले छोटे बड़े कुल मिलाकर 17 तरह के टैक्स लगते थे उन सबको हटाकर एक टैक्स की व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद जीएसटी को लेकर बहुत से कारोबारियों को अभी भी शिकायतें हैं। फिर भी जीएसटी ने इस एक साल में देश की अर्थव्यवस्था में बदलाव कर देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी।

कर दाताओं की संख्या में हुआ इजाफा

जीएसटी आने के बाद सबसे बड़ा फायदा ये हुआ है कि देश में टैक्स भरने वालों वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। जीएसटी के आने के बाद एक करोड़ से भी ज्यादा कारोबारियों ने अपना पंजीयन कराया है। हालांकि सरकार के कर राजस्व में अभी उतनी बढ़ोतरी नहीं हुई जितनी होनी चाहिए थी लेकिन इसमें आगे सुधार होने की पूरी उम्मीद सरकार को है।

माल ढुलाई में हुई आसानी

पूरे देश में एक टैक्स व्यवस्था आने से राज्यों की सीमा पर लगने वाले सामान के ट्रकों की लंबी लाइनों से छुटकारा मिल गया और बिना किसी परेशानी के ई-वे बिल के जरिए माल के ट्रक राज्यों की सीमाओं को पार कर सकते है।। इससे माल के परिवहन का खर्चा भी कम होता है और इससे समय की भी बचत होती है।

कारोबारियों के लिए एक टैक्स की दर

कारोबारियों को अपना टैक्स रिटर्न डिजिटल तरीके से भरना होता है और ग्राहकों को दिए गए बिल में जीएसटी का विवरण देना होता है जिससे कारोबारियों द्वारा की जा रही टैक्स चोरी में भी कमी आई है।

टैक्स चोरी में हुई कमी

पहले जहां राज्यों की टैक्स की दरें अलग-अलग होने से व्यापारी अपने सामान को कई राज्यों से खरीदते थे और इस पर अनेक तरह की चुंगी और टैक्स चुकाते हुए इसकी कीमत में काफी इजाफा हो जाता था, ये स्थिति जीएसटी आने के बाद बदली है। जीएसटी आने के बाद सभी राज्यों में माल और सेवाओं पर टैक्स की दरें एक समान हो गई हैं इससे व्यापारियों को सामान अलग-अलग राज्यों से खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है और उनके पैसे की भी बचत होती है।


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