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एनआरसी मामला : भारत कोई धर्मशाला नहीं है कि कोई भी आकर बस जाए' - शहनवाज हुसैन

Update: 2019-09-20 14:49 GMT

नई दिल्ली। बीजेपी के वरिष्ठ नेता शहनवाज हुसैन ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर गृहमंत्री अमित शाह के हालिया बयान का समर्थन किया। उन्होंने उनकी पार्टी की सरकार वाले राज्यों में राष्ट्रीय नागरिक पंजी के जरिए अवैध प्रवासियों को फिलटर किए जाने और वैध तरीके से देश के बाहर करने को सही रास्ता बताया है। शहनवाज ने कहा कि- 'हम यहां कोई धर्मशाला नहीं चला रहे हैं जहां कोई भी घुस जाए और जब तक मन करे रहे। भारत में पूरी दुनिया से लोगों को आने की इजाजत है लेकिन इसके लिए पासपोर्ट होना चाहिए और वीजा पर एक समय सीमा निर्धारित होनी चाहिए।'

हुसैन ने बिहार के मधेपुर जिले में एक कार्यक्रम में कहा कि 'अवैध रूप से भारत में रह रहे ऐसे लोगों की पहचान होनी चाहिए।' बता दें कि नागरिकता के री-वेरिफिकेशन के लिए आवेदन देने वाले असम के कुल 41 लाख लोगों में से 19 लाख लोगों को नाम एनआरसी आखिरी सूची में नहीं आया। 31 अगस्त को जारी राष्ट्रीय नागरिकता पंजी में 3.11 करोड़ लोगों का नाम हैं। असम के नागरिकों की सूची से उन लोगों के नाम गायब हैं जो बांग्लादेश व अन्य देशों से 25 मार्च 1971 के बाद अवैध तरीके से भारत में घुस आए थे।

गौरतलब है कि हाल ही में रांची में एक कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि- 'हमने अपने चुनावी घोषणापत्र में साफ कर दिया था कि केवल असम में नहीं बल्कि पूरे भारत में हम एनआरसी लाएंगे। देश के नागरिकों का रजिस्टर बनाएंगे ताकि अवैध प्रवासियों पर कानूनी कार्रवाई की जा सके। एनआरसी का मतलब राष्ट्रीय नागरिक पंजी है, ना कि राष्ट्रीय असम पंजी।' उन्होंने कहा कि 'जिनके नाम 31 अगस्त को जारी एनआरसी में नहीं आए हैं उन्हें विदेशी न्यायाधिकरणों के आगे अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा। साथ ही असम सरकार उन लोगों के लिए वकील भी मुहैया करा रही है जो वकीलों का खर्च वहन नहीं कर सकते।' शाह ने कहा था कि 'मेरा मानना है कि विश्व में कोई देश ऐसा नहीं जहां कोई भी जाकर यूं ही बस जाए। अगर आप अमेरिका जाकर नहीं बस सकते तो भला कोई भारत आकर कैसे बस सकता है। ये समय की जरूरत है कि देश की जनका का एक रजिस्टर बने।'

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