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पार्किंग की जगह नहीं इसलिए मात्र 36 राफेल का सौदा हुआ : सीतारमन

Update: 2018-09-15 07:23 GMT

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। रक्षा मंत्री सीतारमन ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा है कि पार्किंग की जगह व रखरखाव के संसाधन नहीं होने के कारण फ्रांस से 126 के बजाय मात्र 36 राफेल का सौदा किया गया। उनका तर्क था कि वायुसेना ने सुझाव दिया कि किसी भी आपातकालीक स्थिति में दो एअर स्क्वायड्रन का समायोजन किया जा सकता है। एक स्क्वायड्रन में 18 जहाज होते हैं। इसके अनुसार दो में 36 होंगे। इस आधार पर 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का निर्णय हुआ।

लेकिन कांग्रेस ने इसे सरासर झूठ करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसे राफेल घोटाले व अनिल अंबानी को लाभ पहुंचाने के लिए किये गये महंगे सौदे को जायज ठहराने के लिए बोले जा रहे 100 झूठ में से एक झूठ कहा। उन्होंने कहा कि 36 राफेल विमान क्या एक माह में आ रहे हैं जो आपातकालीक स्थिति की दुहाई देकर तीन गुने दाम पर मात्र 36 राफेल खरीद को जायज ठहराया जा रहा है। भारतीय वायु सेना ने पहले 38 स्क्वायड्रन तक का रखरखाव किया है। इस समय 33 एअर स्क्वायड्रन हैं। जो कि 2021 तक घटकर 31 हो जायेंगे। और राफेल की आपूर्ति 2022 से होंगी। इसका मतलब है कि 2022 में वायुसेना के पास और 07 एअर स्क्वायड्रन यानि 126 विमान रखने की जगह हो जाएगी।

इस बारे में एक पूर्व कर्नल का कहना है कि यदि विमान रखने की जगह व संसाधन नहीं भी हैं, तो तमाम ऊंची मूर्तियां बहुत कम समय में बनाने, कम समय में कार्यालय बनाने का रिकार्ड बनाने वाली सरकार 04 वर्ष में 218 लड़ाकू विमानों की पार्किंग की जगह नहीं बनवा सकती। उसके लिए संसाधन की व्यवस्था नहीं कर सकती।

सुरजेवाला का कहना है कि वायु सेना ने पहले जब 128 लड़ाकू राफेल विमान खरीदने की सहमति दी थी तो वह बिना किसी पार्किंग या रखरखाव की सुविधा के अनुमान के तो दी नहीं थी। यह सब हिसाब लगाकर ही तो दी थी। ऐसे में रक्षा मंत्री सीतारमन जो भी तर्क दे रही हैं वह केवल अपना और सरकार का चेहरा बचाने के लिए दे रही हैं। उसमें कोई सच्चाई नहीं है।

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