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#Loksabha2019 : मुलायम की सीट से अब अखिलेश यादव दिखाएंगे दम

Update: 2019-03-24 17:39 GMT

आजमगढ़/स्व.स.से। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पिता मुलायम सिंह यादव की विरासत संभालने आजमगढ़ से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। आज अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लडऩे की आधिकारिक घोषणा हो गई है। इसके साथ ही राजनैतिक गलियारों में चल रही अटकलों पर भी विराम लग चुका है। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव 2014 के आम चुनाव में मैनपुरी व आजमगढ़ संसदीय सीट से सांसद चुने गए थे। उन्होंने आजमगढ़ को दिल की धड़कन बताते हुए अपनी प्रिय मैनपुरी सीट से इस्तीफा दे दिया था। आजमगढ़ सदर सीट से मुलायम सिंह यादव भले ही चुनाव में विजयी रहे लेकिन जीत सुनिश्चित करने के लिए उनका पूरा कुनबा लगा हुआ था। इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी के सभी इकाइयों और कद्दावार नेताओं को पसीना बहाना पड़ा था। सपा की सरकार भी थी। इसके बाद भी उनकी भाजपा के रमाकांत यादव से 70 हजार मतों के अंतर से जीत सुनिश्चित हुई थी। मुलायम स्वयं इस जीत से खुश नहीं दिखे थे। कई बार उनका दर्द अखबारों की सुर्खियां भी बनी। ऐसे में अखिलेश के लिए भी चुनावी राह आसान नहीं होगी। अखिलेश यादव के साथ इस बार न ही कुनबा है और न ही नेता जी के पुराने हमराही । समाजवादी पार्टी से शिवपाल के हटने से पार्टी दो धड़ों में यहां भी बंटी हुई है। इसके अलावा कुछ लोगों ने पहले ही समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ दिया है। ऐसे में अखिलेश को जमीन मजबूत करने की पहल नए सिरे से करनी होगी। हालांकि बसपा का साथ उन्हें कुछ ऊर्जा दे सकती है लेकिन इससे राह आसान नहीं होगी। अब बहुत कुछ भाजपा के ऊपर भी निर्भर करेगा। मसलन वह इस सीट पर किसे उतरती है। कांग्रेस से वॉकओवर मिलना लगभग तय माना जा रहा है। अभी इस तरह की घोषणा पार्टी की ओर से नहीं हुई है। अखिलेश के चाचा यानी शिवपाल यादव की पार्टी यहां से चुनाव लड़ेगी कि नहीं अभी तय नहीं है। फिलहाल सपा युवा जोश पर भरोसा कर सकती है लेकिन वोट में यह कितना तब्दील होगा यह तो वक्त ही बताएगा।

मुलायम को आई थीं मुश्किलें

वाराणसी सीट से भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्मीदवार घोषित होने के बाद यहां सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ संसदीय सीट से ताल ठोकी थी। इसके पीछे उनका ही नहीं समाजवादी पार्टी और उनके कद्दावर सिपहसलारों का यही दावा था कि पूर्वांचल की सभी सीटों पर जीत दर्ज करेंगे। साथ ही मोदी से अधिक मतों के अंदर से जीत दर्ज करेंगे लेकिन बड़ी मुश्किल से मुलायम सिंह यादव अपनी ही सीट बचा पाए थे। नरेंद्र मोदी बड़ोदरा से पांच लाख 70 हजार वोटों से तो बनारस संसदीय सीट से भी तीन लाख 71 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी।

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