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वायुसेना ने सौंपे हवाई हमले के दस्तावेज

Update: 2019-03-06 17:23 GMT

विपक्ष को अब किस सबूत की जरूरत

नई दिल्ली, स्व.स.से.

पुलवामा हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक पर जवाब मांग रहे विपक्ष को अब कौन सा जवाब चाहिए? 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हवाई हमले किए। तभी से कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल और तथाकथित पाकिस्तान समर्थक इस हमले की प्रामाणिकता पर सवाल उठा रहे थे। जी हां, बुधवार को वायु सेना ने केंद्र सरकार को एयर स्ट्राइक से जुड़े सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं। इन सबूतों में एयर स्ट्राइक की तस्वीरें भी शामिल हैं। इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि किस तरह उनके अधिकतर निशाने अचूक रहे हैं। भारतीय वायु सेना ने मोदी सरकार को, भारतीय वायु क्षेत्र में उड़ान भरने वाले एक खुफिया विमान प्लेटफॉर्म से एकत्र की 'हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरों' और 'सिंथेटिक एपर्चर रडार' इमेजरी की 12 पन्नों की रिपोर्ट हवाई हमले के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत की है। अगर इन प्रमाणों के बाद भी विपक्ष जवाब चाहता है तो यह माना जाना चाहिए कि विपक्ष और उसके नेता पाकिस्तान के हाथों में खेल रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार मिराज-2000 ने बालाकोट में आतंकी ठिकानों को तहस नहस किया था। इस हमले के लिए भारतीय वायुसेना ने इजरायली स्पाइस 2000 प्रीशियन बमों का प्रयोग किया था। यह बम हर बाधा को पार करते हुए सीधे लक्ष्य तक पहुंचते हैं। वायु सेना की रिपोर्ट के अनुसार बालाकोट में उनके 80 प्रतिशत निशाने सही लगे हैं। यानि जिन बमों को गिराया गया वे वहां स्थित इमारतों के सीधे अंदर गए हैं। यही कारण है कि जो भी तबाही हुई है वह अंदर ही हुई है। रिपोर्ट की मानें तो जिन मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ है, उन्होंने सीधे छत को भेदा और अपने लक्ष्य पर वार किया। इस रिपोर्ट के अनुसार बालाकोट में मौजूद सभी लक्ष्य तबाह कर दिए गए हैं। बता दें कि 26 फरवरी को की गई एयर स्ट्राइक के बाद से ही इसके सबूत सामने रखने की बात शुरू हो गई थी। पाकिस्तान लगातार यह दावा कर रहा था कि उनका कोई नुकसान नहीं हुआ है, सिर्फ कुछ पेड़ ही गिरे हैं। सवाल ये है कि जब पेड़ ही गिरे हैं तो पाकिस्तान में भारतीय सेना को लेकर इतनी दहशत क्यों है, इसका जवाब पाकिस्तान देने से क्यों कतरा रहा है।

पाकिस्तान को एक और झटका

आतंकवादी संगठनों को संरक्षण और मदद मुहैया कराने को लेकर पाकिस्तान की विश्व भर में हो रही किरकिरी के बीच अमेरिका ने उसे करारा झटका दिया है। अमेरिका ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए जाने वाले वीजा की अवधि पांच साल से घटाकर तीन महीने कर दी है। नई व्यवस्था पाकिस्तानी पत्रकारों पर भी लागू होगी। उन्हें भी तीन महीने के लिए ही वीजा जारी किया जाएगा। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है।

अगली स्ट्राइक में विपक्षी नेताओं को जहाज से बांधकर ले जाएं


केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने पाकिस्तान में घुसकर वायुसेना की एयर स्ट्राइक को लेकर सबूत उठाने वालों पर तीखी टिप्पणी की है। विदेश राज्य मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगली बार भारत सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान उनको हवाई जहाज के नीचे बांध के ले जाएं। जब बम चलें तो वहां से लक्ष्य देख लें। उन्होंने कहा कि उसके बाद उनको वहीं पर उतार दें। वे गिन लें और वापस आ जाएं। इससे पहले उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट भी की। वीके सिंह ने कहा कि देश के लोग चाहते हैं कि आतंकवाद से मुकाबले के लिए भारत इजरायल का अनुसरण करे, लेकिन ऐसा विपक्ष के चलते नहीं हो सकता। यही नहीं उन्होंने कहा कि बाहर का तो पता नहीं देश के भीतर भी एक सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत है। वीके सिंह ने कहा कि इजरायल का विपक्ष अपनी सेना पर संदेह नहीं करता और उसे अपमानित करने का प्रयास नहीं करता। 

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