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देश को निष्पक्ष एवं धर्मनिरपेक्ष सरकार की जरूरत : सोनिया गांधी

Update: 2019-04-06 14:54 GMT

नई दिल्ली। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को कहा कि आज के समय में देश को एक निष्पक्ष सरकार की जरूरत है, जो धर्मनिरपेक्षता को फिर से स्थापित करे और संवैधानिक ढांचे को सुरक्षित करने का प्रयास करे।

सोनिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की सरकार में संवैधानिक संस्थाओं के साथ छेड़छाड़ की जा रही है और भिन्न मत रखने वालों के लिए कोई जगह नहीं है।

दिल्ली में 'जन सरोकार 2019-जनता का एजेंडा' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा कि आज के समय में देशभक्ति की नई व्याख्या गढ़ी जा रही है। विविधता को अस्वीकार करने वालों को देशभक्त बताया जा रहा है। जाति, धर्म और विचारधारा के आधार पर अपने ही नागरिकों से भेद-भाव को उचित ठहराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार गिने-चुने उद्योगपतियों को ही लाभ पहुंचा रही है। अब उसका ध्यान लोगों के लिए नए अवसर सृजित करने पर नहीं है।

सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार असहमति का सम्मान नहीं कर रही। अपनी सोच पर टिके रहने के चलते लोगों पर हमले हो रहे हैं और सरकार मुंह फेर रही है। कानून का राज लागू करने का अपना बुनियादी फर्ज पूरा करने को भी यह सरकार तैयार नहीं है।

सोनिया ने कहा कि नागरिक समाज को इकट्ठा होकर वर्तमान सरकार द्वारा संवैधानिक संस्थाओं के साथ की जा रही छेड़छाड़ के खिलाफ लड़ना चाहिए।

पिछली सरकार में बनी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के बारे में उन्होंने कहा कि परिषद् के माध्यम से जमीन पर काम करने वाली सिविल सोसायटी और सत्ता में बैठी सरकार एक साथ लाने का प्रयास किया गया था। इसी से देश को सूचना का अधिकार, खाद्य सुरक्षा और शिक्षा का अधिकार मिला।

संप्रग अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें कोई संदेह नहीं है कि इन चुनावों के दौरान किए जा रहे वादों पर अमल हो रहा है या नहीं, इसके लिए भी बाकायदा व्यवस्था की जाएगी। भारत को एक ऐसा देश बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे जहां वादों का सम्मान होता है। सरकार की जुबान में वजन होना चाहिए। उसके शब्दों और कर्मों में फर्क नहीं होना चाहिए। हमने पहले भी यह करके दिखाया है, हम आगे भी यह करके दिखाएंगे।

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