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सीआरपीएफ के 10 जवानों की हत्या में शामिल माओवादी को गुजरात एटीएस ने पकड़ा

Update: 2018-11-24 07:45 GMT

वापी। माओवादी संगठन के बिहार के जिला कमांडर राजेश आरिफ उर्फ़ गोपाल प्रसाद को वापी से गुजरात एटीएस से गिरफ्तार किया। वह पिछले कई महीनों से वापी में एक कारखाने में छिपा हुआ था। 10 सीआरपीएफ जवानों की हत्या में शामिल नक्सली से एटीएस टीम ने पूछताछ शुरू कर दी है।

एटीएस टीम ने गुरुवार की रात को वापी (गुजरात) के एक कारखाने से पकड़ा। बिहार के बहोरमा गांव के निवासी राजेश उर्फ गोपाल प्रसाद मोची भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से संबंधित था। 2002 में जब वह 17 वर्ष का था, तो पारिवारिक भूमि विवाद के बाद वह माओवादियों लोहा सिंह और भोला माजी के संपर्क में आया। अपने भूमि विवाद को हल कराने के चक्कर में वह माओवादी गतिविधियों में शामिल हो गया। वह माओवादी संगठन को मजबूत करने के लिए व्यवसायों और ठेकेदारों से फिरौती एकत्र करता था। इस कारण उसे माओवादी संगठन के बिहार-झारखंड (मगध) क्षेत्र की विशेष क्षेत्र समिति के प्रभारी प्रधम शर्मा ने उसे ज़ोनल कमांडर नियुक्त किया। 2016 में राजेश, अनिल यादव, चंदन नेपाली और अन्य माओवादियों ने बिहार के वन क्षेत्र में आईईडी ब्लास्ट कर 10 सीआरपीएफ कर्मियों की हत्या कर दी थी। मार्च 2017 में इन लोगों ने सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन पर स्वचालित हथियारों से हमला किया था। इस दौरान 4 माओवादी भी घायल हुए जिसमें राजेश भी था। वहां से बच निकलने के बाद वह पहचान बदलकर दूसरी जगह पर छुप गया।

वह 2018 में गुजरात आया और गोपाल प्रसाद के नाम से एक सुरक्षा कंपनी में काम करने लगा। बाद में उसने वापी में एक कारखाने में काम करना शुरू कर दिया। माओवादी संगठन के बिहार-झारखंड (मगध) क्षेत्र की विशेष क्षेत्र समिति के प्रभारी प्रसमान शर्मा को राजेश के दाहिने हाथ के व्यक्ति के रूप में माना जाता है। एटीएस ने गुजरात में माओवादी संगठन की गतिविधियों को लेकर अपनी जांच शुरू कर दी है।

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