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मध्यप्रदेश को फिर मिला टाइगर स्टेट का दर्जा, 526 बाघों के साथ देश में अव्वल

Update: 2019-07-29 08:49 GMT

भोपाल/स्वदेश वेब डेस्क। मध्यप्रदेश एक बार फिर कर्नाटक और उत्तराखंड को पीछे छोड़कर टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल करने में सफल हो गया है। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर में बाघों की संख्या के आंकड़े जारी किये हैं। जिसमें मध्यप्रदेश 526 बाघों के साथ देश में पहले स्थान पर है। इसके साथ ही 2010 में मध्यप्रदेश से छिन गया टाइगर स्टेट का दर्जा पुन: मिल गया है।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश साल 2006 में 300 बाघ थे। तब मध्यप्रदेश में देशभर में सर्वाधिक बाघों वाला प्रदेश बना था, लेकिन 2010 में यह राज्य कर्नाटक और 2014 में उत्तराखंड से पिछड़ गया था। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर सोमवार को पीएम नरेन्द्र मोदी ने ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन 2018 जारी किया, जिसमें देशभर में बाघों की संख्या के आंकड़े बताये गये हैं। आंकड़ों के मुताबिक देशभर में बाघों की संख्या 2967 है। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में 2014 के मुकाबले देश में 741 बाघ बढ़ गए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में सबसे अधिक 526 बाघ हैं, जबकि कर्नाटक 524 बाघ के साथ दूसरे और उत्तराखंड 442 बाघ के साथ देश में तीसरे स्थान पर है। मध्यप्रदेश के टाइगर रिवर्ज एरिया में बाघों के संरक्षण के लिए लगातार काम किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि मध्यप्रदेश फिर टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल करने में सफल रहा। बाघ दिवस पर मध्यप्रदेश को मिले इस दर्जे से प्रदेशवासी खुश हैं।

सीएम कमलनाथ ने दी प्रदेशवासियों को बधाई

मध्यप्रदेश को पुन: टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से प्रदेशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने सोमवार को ट्वीट किया है। बाघ प्रदेश का दर्जा पुन: हासिल करने पर प्रदेश के सभी नागरिको को बधाई। सभी राष्ट्रीय उद्यानों के प्रबंधन अमले को, बाघ संरक्षण से जुड़ी सभी संस्थाओं, व्यक्तियों, विशेषज्ञों को भी इस उपलब्धि के लिये बधाई। वहीं, प्रदेश के उच्च शिक्षा एवं खेल मंत्री जीतू पटवारी ने भी ट्वीट के माध्यम से शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने ट्वीट किया है कि अन्तरराष्ट्रीय बाघ दिवस की अनंत शुभकामनाएं। मध्यप्रदेश 526 बाघों की संख्या के साथ देश में अव्वल है और टाइगर स्टेट के रूप में हमारी पहचान बनी है। यह राज्य की गौरवपूर्ण उपलब्धि है।(हि.स.)

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