#LoksabhaElection 2019 : 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर वोटिंग खत्म, उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बृहस्पतिवार को 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।कुछ मतदान केंद्रों से छिटपुट नोकझोंक की खबरें आई हैं। लेकिन कुल मिलाकर मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। ओडिशा के मलकानगिरी जिले में चित्रकोंडा क्षेत्र के 6 मतदान केंद्रों पर वोट नहीं डाले गए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र कुमार ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा, "नक्सली हमले की संभावना को देखते हुए चित्रकोंडा के 6 बूथों पर वोटिंग प्रक्रिया नहीं हुई।"
शाम के 6 बजते ही सभी मतदान केंद्रों पर वोट डालने की प्रक्रिया खत्म हो गई, हालांकि इस दौरान जितने मतदाता कतार में खड़े हैं वो अपना वोट डाल सकेंगे। वहीं दूसरी ओर कुल मतदान प्रतिशत का आंकड़ा अभी चुनाव आयोग की तरफ से जारी नहीं किया गया है।
चुनाव आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पहले चरण में छत्तीसगढ़ की बस्तर सीट पर 56 प्रतिशत मतदान हुआ। बस्तर के दंतेवाड़ा क्षेत्र में मंगलवार को नक्सली हमले में स्थानीय भाजपा विधायक भीमा मंडावी सहित पांच लोगों की मौत हो गयी थी।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर गुरुवार शाम छह बजे तक 63.69 फीसदी औसत मतदान हुआ है । वर्ष 2014 में इन सीटों पर 65.76 प्रतिशत मतदान हुआ था। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वर लू ने गुरुवार शाम को मतदान समाप्त होने के बाद पत्रकार वार्ता में बताया कि शामली में एक जगह मामूली सी घटना को छोड़कर सभी जगह मतदान पूरी तरह से शांत रहा और कही से कोई अप्रिय घटना की खबर नही आयी है। उन्होंने बताया कि अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी मतदान केंद्र से दोबारा मतदान कराने की बात भी सामने नही आयी है। आज उप्र की आठ लोकसभा सीटों पर मतदान सुबह सात बजे शुरू हो गया था। उन्होंने बताया कि मतदान के दौरान गड़बड़ी पाये जाने पर 89 बैलट यूनिट, 89 कंट्रोल यूनिट, तथा 428 वीवीपैट बदली गयी। उन्होंने बताया कि शाम छह बजे तक 70.68 प्रतिशत मतदान सहारनपुर में हुआ जबकि गाजियाबाद में 57.60 प्रतिशत,मुजफ्फरनगर में 66.66 प्रतिशत, बिजनौर में 65.40 प्रतिशत, कैराना में 62.10 प्रतिशत, मेरठ में 63.00 प्रतिशत, गौतमबुद्ध नगर में 60.10 प्रतिशत तथा बागपत में 63.90 प्रतिशत मतदान हुआ।
बिहार में बृहस्पतिवार को लोकसभा की चार सीटों- औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई तथा विधानसभा की एक सीट नवादा के लिए मतदान समाप्त हो गया। शाम 6 बजे तक इन चारों लोकसभा क्षेत्रों में 53 प्रतिशत मतदान हुआ। लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के तहत राज्य की चार सीटों पर वोट डाले गए। बिहार के अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि शाम छह बजे तक इन चारों लोकसभा क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत औसतन करीब 53 प्रतिशत रहा।
औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई में शाम छह बजे तक क्रमश: 49.85 प्रतिशत, 56.00 प्रतिशत, 52.50 प्रतिशत और 54.00 प्रतिशत मतदान हुआ। जमुई और नवादा लोकसभा क्षेत्रों में मतदान के बहिष्कार की कुछ घटनाओं के अलावा पुलिस ने औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में मतदान केंद्र संख्या नौ से एक केन बम सहित तीन बम बरामद किए।
उत्तराखंड में लोकसभा की सभी पांच सीटों पर बृहस्पतिवार को मतदान संपन्न हो गया और लगभग 58 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
प्रदेश के निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार राज्य की सभी लोकसभा सीटों - टिहरी, पौडी, हरिद्वार, नैनीताल और अल्मोड़ा - पर लगभग 58 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया और 52 प्रत्याशियों का चुनावी भविष्य ईवीएम में कैद कर दिया। चुनाव परिणाम 23 मई को आयेंगे।
वर्ष 2014 के आम चुनावों के मुकाबले इस बार मतदान में चार फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी। इस बार सर्वाधिक मतदान हरिद्वार और नैनीताल सीटों पर दर्ज किया गया, जहां क्रमश: 66.24 और 66.39 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले। सबसे कम मतदान 48.78 प्रतिशत अल्मोड़ा सीट पर हुआ। पौड़ी में 49.89 फीसदी और टिहरी में 54.38 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और छिटपुट घटनाओं को छोडकर किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
उत्तर-पूर्व के राज्यों सिक्किम (1 सीट) 69 प्रतिशत, मिजोरम (1 सीट) 60 प्रतिशत, नगालैंड (1 सीट) 78 प्रतिशत, मणिपुर (1 सीट) 78.2 प्रतिशत, त्रिपुरा (1 सीट) 81.8 प्रतिशत और असम (5 सीट) में 68 प्रतिशत, जबकि पश्चिम बंगाल (2 सीट) में 81 प्रतिशत मतदान हुआ है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने गुरुवार को प्रथम चरण के मतदान में वर्दीधारी कर्मी द्वारा लोगों को भाजपा को वोट देने के लिए मजबूर करने, ईवीएम में कांग्रेस के बटन के काम ना करने सहित अन्य गड़बड़ियों के आरोप लगाए। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया जिसमें मतदाता भाजपा विरोधी नारे लगाते दिख रहे हैं क्योंकि बीएसएफ ने भाजपा को वोट नहीं देने पर उनसे बदसलूकी की थी। उन्होंने लिखा, '' जम्मू में एक मतदान केन्द्र पर एक व्यक्ति के साथ बीएसएफ ने हाथापाई की क्योंकि उसने भाजपा को वोट देने से मना कर दिया था। मतदान केंद्रों पर सशस्त्र बलों का उपयोग कर लोगों को भाजपा को वोट देने के लिए मजबूर करना, सत्ता की भूख और उनकी हताशा को दर्शाता है...चाहे इसके लिए जो भी करना पड़े।"
नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू प्रांतीय अध्यक्ष दविंदर सिंह राणा ने भी मामले में शिकायत दर्ज कराई। उनके अनुसार पुंछ के अराई मलका इलाके में एक वर्दीधारी कर्मी ने मतदाताओं को भाजपा को वोट देने के लिए मजबूर किया। उन्होंने बताया कि मतदाताओं की शिकायत के बाद एक स्थानीय प्रशासन अधिकारी ने मौके पर पहुंच उस वर्दीधारी कर्मी को वहां से हटा दिया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी एक पीठासीन अधिकारी की वीडियो पोस्ट की जिसमें वह पुंछ इलाके में एक ईवीएम बटन के खराब होने की जानकारी दे रहा है। अधिकारी ने पुंछ जिले में मतदान कुछ देर के लिए रुक जाने की जानकारी देते हुए उसके जल्द ठीक होने का आश्वासन दिया। कौन सा बटन काम नहीं कर रहा है यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''हाथ का बटन।" हाथ कांग्रेस का चुनाव चिह्न है।
कांग्रेस ने महाराष्ट्र के छह लोकसभा क्षेत्रों जहां गुरुवार को मतदान चल रहा है वहां के कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम में "गड़बड़ी" से संबंधित 39 शिकायतें निर्वाचन आयोग के समक्ष दर्ज कराई हैं। पार्टी ने यह जानकारी दी। प्रदेश कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि उसने नागपुर में कुछ बूथों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी संबंधी 12 शिकायतें ईमेल के जरिये चुनाव आयोग से की हैं। इसके अलावा चंद्रपुर में आठ, वर्धा में छह और रामटेक में पांच ईवीएम में गड़बड़ी संबंधी शिकायत आयोग से की गई है। पार्टी ने यवतमाल-वाशिम और गढ़चिरौली-चिमूर सीटों पर भी ऐसी ही गड़बड़ी की चार शिकायतें की हैं। इन छह लोकसभा क्षेत्रों के अलावा विदर्भ क्षेत्र की भंडारा-गोंदिया सीट के लिये भी लोकसभा चुनावों के पहले चरण में गुरुवार को मतदान हो रहा है। नागपुर संसदीय क्षेत्र में इवीएम के सही काम न करने को लेकर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अलग से भेजे एक पत्र में कांग्रेस ने कहा कि यह "कृत्य" स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों में "हस्तक्षेप" है।