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कट्टरपंथ-आतंक से जुड़े PFI की 23 राज्यों में फैली है जड़ें, जानिए कैसे हुआ गठन, क्या है मकसद ?

Update: 2022-09-22 09:38 GMT

नईदिल्ली। नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) की संयुक्त टीम ने आज दिल्ली समेत 11 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर कार्रवाई की। मप्र, उप्र, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, असम, बिहार, महाराष्ट्र और तेलंगाना सहित अन्य राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर आज सुबह ही छापेमारी हुई। अब तह हुई कार्रवाई में 106 संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उससे जुड़े लोगों पर बड़ी मात्रा में आतंकियों को धन मुहैया कराने और प्रशिक्षण देने का आरोप है। इसी के तहत ये कार्रवाई की जा ही है।  

PFI पर आरोप - 

बीते कुछ महीनों से हम पीएफआई का नाम मीडिया के जरिए बार-बात सुन  रहे है। इस संगठन का नाम आतंकी और जिहादी गतिविधियों में सुनने में आता है। जैसे की उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड में इसके सदस्यों के जुड़े होने के आरोप लगे।  कर्टनाक में भाजपा की कार्यकर्ता की हत्या मामले के तार भी पीएफआई से जुड़े। बिहार के बेगुसराय में गोलीकांड से भी इस संगठन का नाम सामने आया। करौली, खरगौन, दिल्ली, कानपुर में हुई पत्थरबाजी के पीछे भी इसी संगठन का हाथ सामने आया था।

PFI का गठन -  

बता दें की आतंकी गतिविधियों से जुड़ा PFI एक कट्टरपंथी संगठन है। इसकी स्थापना 17 फरवरी 2007 को हुई थी।  दक्षिण भारत के तीन इस्लामिक संगठनों का विलय कर इसका गठन हुआ था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे।दरअसल, अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंश के बाद मुस्लिम कट्टरपंथियों ने दक्षिण भारत के कई राज्यों में नए संगठनों की स्थापना की थी। इन्ही जिहादी सोच वाले कई संगठनों को मिलाकर नए संगठन का निर्माण हुआ। जिसे नाम दिया गया पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI ) .

23 राज्यों में विस्तार - 

पीएफआई खुद को एक सामाजिक संगठन के रूप में पेश करते हुए आया है। सबसे बड़ी बात ये संगठन अपने सदस्यों के नाम और अन्य जानकारियों को आधिकारिक तौर पर नहीं रखता। जिसके चलते आपराधिक गतिविधियों में इससे जुड़े लोग आसानी से लिप्त हो जाते है। हालांकि जब कभी किसी घटना से इस संगठन का नाम जुड़ता है। जांच एजेंसियां सतर्क हो जाती है और तुरंत कार्रवाई करती है। जानकारी के अनुसार अब तक इसका 23 राज्यों में विस्तार हो चुका है।  इसे स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी का ही दूसरा रूप माना जाता है।  सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद इसका देश में तेजी से विस्तार हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। देश के कई राज्यों में ये संगठन प्रतिबंधित है। इसके कई कार्यकर्ताओं और नेताओं को देश विरोधी मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा - 

एनआईए ने साल 2017 में गृहमंत्रालय को पत्र लिखकर पीएफआई को बैन करने की मांग की थी।  जांच एजेंसी ने इस संगठन को देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया था।  NIA ने जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के बात कही थी।  साथ मुस्लिमों पर धार्मिक कट्टरता थोपने और जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप लाग्या था।  

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