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कर्नाटक में 'तिकड़ी' बिगाड़ने जा रही है 'सत्ता' का समीकरण ?

किसके संपर्क में हैं तीन कांग्रेसी विधायक

Update: 2019-01-14 13:21 GMT

नई दिल्ली/बेंगलुरु। कर्नाटक में विधायकों की तिकड़ी की ताजा गतिविधियों से सत्ताधारी जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की पेशानी पर बल आ गया है। बताया जा रहा है कि राज्य से बाहर चल रहे कांग्रेस के तीनों विधायक अपनी पार्टी के नेताओं के संपर्क में नहीं हैं। बकौल, जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार कांग्रेस के तीनों विधायक मुंबई के एक होटल में भाजपा नेताओं के साथ हैं। दिलचस्प बात ये है कि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अपनी सरकार पर किसी संकट को महज अफवाह बताते हुए दावा कर रहे हैं कि तीनों विधायक उनके संपर्क में हैं।

कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार को लेकर नए सिरे से कयासों का दौर तब शुरू हो गया जब राज्य के जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने भाजपा पर गठबंधन सरकार को अस्थिर करने का ताजा आरोप लगाया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई के होटल में भाजपा नेताओं के साथ हैं और उन्हें यह भी जानकारी है कि उन्हें क्या पेशकश की गई है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस नेता शिवकुमार के इस खुलासे को यह कहते हुए सिरे से बेबुनियाद बता दिया कि तीनों कांग्रेस विधायक उन्हें जानकारी देकर मुंबई गए हैं और लगातार उनके संपर्क में हैं।

कमाल की बात है कि उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर भी अपने ही सहयोगी के आरोपों से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उनका कहना है कि 'हमारे तीन विधायक बाहर गए हैं लेकिन हो सकता है कि वे मंदिर गए हों, परिवार के साथ छुट्टियां मनाने गए हों या फिर किसी अन्य कारण से गए हों। किसी ने ये नहीं कहा है कि वे भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।' उन्होंने पार्टी के तमाम विधायकों के एकजुट होने का दावा किया।

इस पूरे घटनाक्रम पर बीजेपी नजदीकी नजर रख रही है। जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार को अस्थिर करने के आरोपों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बी.एस.येदियुरप्पा का कहना है कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। उनका कहना है कि ये भाजपा की बजाय जेडीएस और कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। उनका दावा है कि वे दूसरी पार्टी के विधायकों के संपर्क में नहीं हैं।

कर्नाटक की गठबंधन सरकार में अस्थिरता का अंदेशा तब से ही गहराने लगा था जब बेलगावी के कद्दावर नेता रमेश जारकीहोली को मंत्रिमंडल से हटाया गया। असंतुष्ट जारकीहोली को लेकर दावा किया जाता रहा कि वे दूसरे असंतुष्ट विधायकों के संपर्क में हैं और इसके लिए वे पुणे व मुंबई भी गए थे। बताया जाता है कि जारकीहोली कांग्रेस के कुछ अन्य विधायकों को भी अपने साथ जोड़ने के प्रयास में लगे हुए हैं।

दरअसल, चुनाव नतीजों का आंकड़ा ऐसा आया जिसमें बीजेपी पर जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार को अस्थिर करने का आरोप आसानी से लगता रहा है। चुनाव परिणामों के बाद बहुमत साबित करने में विफल रही बीजेपी सरकार के पास 104 विधायक हैं जबकि बहुमत के लिए उसे 112 विधायकों की जरूरत थी। कांग्रेस 78 और जेडीएस 38 विधायकों के साथ सरकार बना ले गई। एक बीएसपी और एक निर्दलीय विधायक भी हैं। सत्ता के इस समीकरण में जरा भी फेरबदल होते ही सत्ताधीशों के चेहरे भी बदल सकते हैं। (हिस)

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