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मप्र में कमलनाथ सरकार पर एक बार फिर छाये संकट के बादल, छह मंत्री समेत 17 विधायक पहुंचे बेंगलुरु

Update: 2020-03-09 12:00 GMT

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार पर एक बार फिर से सियासी संकट के बादल छा गए हैं। बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्या सिंधिया गुट के छह मंत्रियों समेत 17 विधायक बेंगलुरु पहुंचे हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस के लापता विधायक बिसाहूलाल रविवार को भोपाल पहुंचे थे और कमलनाथ से मुलाकात की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु पहुंचने वाले मंत्रियों में इमरती देवी, प्रद्युमन सिंह तोमर, गोविंद सिंह राजपूर और महेन्द्र सिंह सिसोदिया शामिल हैं। इन मंत्री और विधायकों को बेंगलुरु के आउटस्कर्ट इलाके के रिसॉर्ट में ठहराया गया है।

गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी विधायक एवं पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह रविवार शाम को भोपाल पहुंचे और मुख्यमंत्री निवास में कमलनाथ से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद एक फोटो भी सामने आया, जिसमें बिसाहूलाल सिंह, मुख्यमंत्री और अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ दिखायी दिए। अभी दो विधायक हरदीप सिंह डंग और रघुराज कंसाना भी पिछले एक सप्ताह से 'लापता' हैं। डंग ने तो विधानसभा की सदस्यता से अपना त्यागपत्र भी कथित तौर पर भेज दिया है।

कमलनाथ से मुलाकात के बाद बिसाहूलाल सिंह ने पत्रकारों से कहा कि वे 'तीरथ' करने गए थे। उन्होंने इस बात से भी इंकार किया कि किसी ने उन्हें बंधक बनाया था। उन्होंने कमलनाथ सरकार के प्रति पूरा समर्थन जताया और कहा कि उन्हें पहले से समर्थन था और आगे भी जारी रहेगा। अलबत्ता उनकी नाराजगी इस बात को लेकर थी, उनके कार्य नहीं हो रहे थे। उनका लक्ष्य अपने क्षेत्र की जनता की सेवा करना है और उन्हें मुख्यमंत्री की ओर से आश्वासन मिला है कि उनके सभी कार्य पूरे होंगे। श्री सिंह को राज्य सरकार के एक मंत्री बंगलूर से विमान से यहां लाए हैं।

लगभग पांच दिन पहले सबसे पहले छह विधायकों को विशेष विमान से राज्य सरकार के दो मंत्री लेकर पहुंचे थे। इनमें बसपा के संजीव कुशवाह और रामबाई तथा सपा के राजेश शुक्ला और कांग्रेस के ऐदल सिंह कंसाना, रणवीर जाटव और कमलेश जाटव शामिल हैं। इन सभी विधायकों ने भी कांग्रेस सरकार के प्रति भरोसा जताया था, लेकिन बंधक बनाने या प्रलोभन मिलने की बात से इंकार किया था। इसके बाद दो दिन पहले बेंगलुरु से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को राज्य सरकार के एक मंत्री विमान से लेकर पहुंचे और उन्होंने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की। उन्होंने राज्य सरकार को समर्थन देने की बात कही, लेकिन वे उसी दिन शाम को वापस दिल्ली चले गए। वे वहां से मुंबई पहुंच गए थे और वे कल मुंबई में थे और आज वापस भोपाल आ गए। उन्होंने भी उन्हें बंधक बनाने की बात से इंकार किया था और कहा था कि वे पारिवारिक कार्य से बंगलूर गए थे। अलबत्ता उन्होंने ये आरोप जरुर लगाया था कि उन्हें बंगलूर में एयरपोर्ट जाते वक्त कुछ लोगों ने दो बार रोकने का प्रयास किया और इस वजह से उनकी फ्लाइट भी छूट गयी थी।

मध्य प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान 26 मार्च को होगा और उसी दिन नतीजे भी घोषित होंगे। राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकनपत्र दाखिले की अंतिम तिथि 13 मार्च हैं। इसके अलावा 16 मार्च से राज्य विधानसभा का महत्वपूर्ण बजट सत्र भी शुरू हो रहा है। राज्य में दो सौ तीस सदस्यीय विधानसभा में आगर और जौरा सीट रिक्त हैं। शेष 228 विधायकों में से कांग्रेस के 114, भाजपा के 107, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय हैं। इस संख्या के हिसाब से दोनों दलों की एक एक सीट पर विजय सुनिश्चित मानी जा रही है, लेकिन मौजूदा राजनीतिक हालातों के बीच तीसरी सीट पर रोचक चुनाव होने की संभावना है।

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