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जो इतिहास नहीं बना पाते वो उसके साथ छेड़छाड़ करते हैं : प्रधानमंत्री

Update: 2019-03-07 14:49 GMT

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि जो लोग इतिहास नहीं बना सकते वे इतिहास के साथ छोड़छाड़ करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक घटनाओं और तथ्यों की उपेक्षा कर इतिहास को किसी विचारधारा के रंग में रंगना अनुचित है।

पीएम मोदी ने संस्कृति मंत्रालय की ओर से प्रकाशित शहीदों के नामकोश(डिक्शनरी) का लोकार्पण करते हुए कहा कि घटनाओं की अलग-अलग व्याख्या की जा सकती है लेकिन घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जो लोग विचारधारा के आधार पर इतिहास को अपने रंग में रंगने की कोशिश करते हैं, वे पाप के भागीदार हैं।

शहीदों के नामकोश में आजादी की लड़ाई के दौरान प्राणों की आहूति देने वाले 13,521 शहीदों के नामों का ब्यौरा है। इनमें नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के शहीदों के नाम भी शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश और मानवता के लिए बलिदान करने वाले शहीदों का दर्जा मातृभूमि के समान है। वे मातृभूमि के समान ही पूज्यनीय हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने आजादी की लड़ाई के दौरान बलिदान करने वाले शहीदों की स्मृति को संजोने के लिए सक्रिय प्रयास किया है। राष्ट्रीय समर स्मारक, राष्ट्रीय पुलिस स्मारक, सरदार पटेल की एकता प्रतिमा और लाल किले में क्रांति मंदिर इसी का हिस्सा है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस नामकोश में जिन शहीदों का उल्लेख है उनके पैतृक गांव के विद्यालयों में ऐसे शिलापट्ट लगाए जाने चाहिए जिन पर उनकी शहादत का विवरण हो। मोदी ने कहा कि इतिहास को संजोना भविष्य निर्माण की प्रेरणा देता है।

प्रारंभ में संस्कृति मंत्री ने नामकोश तैयार करने के विचार को साझा करते हुए कहा कि रानी लक्ष्मीबाई, मंगल पांडे, नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानी भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं। इस नामकोश से लोगों को आजादी की लड़ाई के बहुत से गुमनाम शहीदों के बारे में जानकारी मिलेगी।

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