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हिरासत से छूट के कैंपस में लौटे JNU छात्र

Update: 2019-11-18 15:45 GMT

नई दिल्ली।जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों का फीस बढ़ोतरी, छात्रावास शुल्क वृद्धि और उच्च शिक्षा को प्रभावित करने वाले अन्य मुद्दों के विरोध में सोमवार को संसद तक निकाले जाने वाला मार्च चला। वहीं, पुलिस ने संसद के आसपास इलाकों में धारा 144 लागू कर दी। इस दौरान पुलिस ने छात्रों को रोकने के लिए लाठीचार्ज भी किया और लगभग 30 छात्रों को हिरासत में भी लिया। इसके बाद अंधेरा होने पर पुलिस ने स्ट्रीट लाइट बंद कर छात्रों को खदेड़ा।

उधर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) के छात्रों के आंदोलन की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह सरकार छात्रों एवं नौजवानों से डरी हुई है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ''यह सरकार छात्रों और नौजवानों से बहुत ड़रती है। इन छात्रों को इतनी भी आजादी नहीं है कि वो अपनी जायज बात को जायज तरीके से, जायज मंचों से रख सकें। यहां तक बात क्यों आई?

उन्होंने कहा, ''अगर आप उनकी मांग नहीं सुनना चाहते, आप उनके विरोध को दबाना और कुचलना चाहते हैं, तो हम समझ रहे हैं कि आप डरते हैं, नौजवानों से विशेष तौर से डरते हैं। डरी हुई सरकार ही इस तरह से एजेंसी का दुरुपयोग करती है, डरी हुई सरकार ही पुलिस की लाठी का सहारा लेती है। गौरतलब है कि जेएनयू के हजारों छात्रों ने छात्रावास शुल्क वृद्धि की पूर्ण वापसी की मांग को लेकर संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद भवन की तरफ मार्च करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके साथ ही रिपोर्टो में कहा गया है कि विभिन्न स्थानों पर पुलिस के कथित लाठीचार्ज में कुछ छात्र घायल हो गए और कई को हिरासत में ले लिया गया।

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