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शेयर खरीदने पर टाटा की असहमति के बाद जहाज लीज पर देने की सोच रही है जेट एयरवेज

Update: 2018-10-21 10:08 GMT

नई दिल्ली। टाटा से सीधा जबाव मिलने के बाद आर्थिक परेशानी से जूझ रही कंपनी जेट एयरवेज ने अब किसी भी प्रकार से बाजार से 800 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए काम करना शुरू किया है। इसके लिए कंपनी ने संसाधनों की बिक्री व हवाई जहाज को लीज पर देने के बारे में भी सोचा है। इसके लिए 16 जहाजों को लीज पर देने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। यह जानकारी कंपनी से जुड़े एक नजदीकी सूत्र ने दी है।

उल्लेखनीय है कि एयरवेज के पास अभी 124 हवाई जहाज हैं। इनमें 10 बोइंग-777, तीन एयरबस-330 व तीन 737 बोइंग हैं। बाकी सभी 114 जहाज पहले से लीज पर दे दिए गए हैं।

इस बीच कंपनी के मालिक नरेश गोयल कई कंपनियों से कंपनी के शेयर को बेचने के लिए बातचीत भी की है। उनमें एक कंपनी टाटा भी है, जो नमक से लेकर ट्रक तक बनाती है औऱ बेचती है। हालांकि टाटा ने बिक्री के बाद नरेश गोयल को जेट एयरवेज में हिस्सेदार के रूप में मौजूद रहने के प्रस्ताव पर असहमति जताई है।

यही कारण है कि कंपनी ने एयरक्राफ्ट को बेचने व लीज पर देने जैसे उपाय पर सोचना शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि कंपनी की हालत एेसी है कि इसने काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन भुगतान में भी देरी की है। साथ ही उनके वेतन को अब वह किश्तों में भुगतान कर रही है। इस बाबत कंपनी कई बार कर्मियों को सूचना भी दी है। जेट एयरवेज के मुख्य वित्तीय अधिकारी अमित अग्रवाल ने कुछ दिनों पूर्व वित्तीय विशेषज्ञोंं से कहा था कि कंपनी अब एयरक्राफ्ट की बिक्री कर व लीज पर देकर अपनी आर्थिक परेशानी से उबरने का सोच रही है। हालांकि इस बीच जेट एयरवेज के प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी बाजार की फुसफुसाहट पर ध्यान नहीं देती है।

यहां यह कहना जरूरी है कि टाटा ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि अगर जेट एयरवेज अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहती है तो कंपनी के प्रमोटर नरेश गोयल को पूरी तरह से इस कंपनी से हटना पड़ेगा। हालांकि जानकारी के मुताबिक गोयल एेसा करने के लिए तैयार नहीं दिखते हैं। इस बीच कंपनी के डीजीएम गौरव साहनी ने कहा है कि कंपनी को पैसे की जरूरत है। इसके लिए कंपनी दो-तीन महीने से प्रयास कर रही है।

उल्लेखनीय है कि कंपनी में नरेश गोयल और उनकी पत्नी की 51 फीसदी की हिस्सेदारी है लेकिन टाटा ने कंपनी के 26 फीसदी हिस्सेदारी को खरीदने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। हालांकि आर्थिक परेशानी के चलते जेट एयरवेज का शेयर बाजार में गिरता ही जा रहा है।

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