नई दिल्ली/वेब डेस्क। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अधिनियम पर हस्ताक्षर कर अपनी मंजूरी प्रदान की। उपरांत केंद्र सरकार ने राजपत्रित पत्र जारी किया। इसके अनुसार 31 अक्टूबर 2019 को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में अस्तित्व में आएंगे । इससे पहले सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि बहुचर्चित जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल लोकसभा और राज्यसभा में पिछले दिनों पास हुआ, जिसमे जम्मू कश्मीर से लेह लद्दाख को अलग कर बिना विधानसभा वाला और बाकी जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है, जिसमे विधानसभा होगी।
भारत सरकार के इस कदम से जहां पाकिस्तान बौखलाकर अजीबों गरीब फैसले ले रहा है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी कोई भी देश पाकिस्तान का समर्थन नहीं कर रहा है उल्टा आतंकवाद को अपनी जमीन से सफाया करने की नसीहत दी जा रही है । तो वहीं कांग्रेस भी इस मुद्दे को लेकर बिखरी हुई दिखाई दे रही है, कांग्रेस की युवा पीढ़ी ने मोदी सरकार का जमकर समर्थन किया है जिसमे ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा, देवेंद्र हुड्डा, मप्र में कमलनाथ सरकार के मंत्री तरुण भनोत भी शामिल हैं।