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जयपुर ब्लास्ट केस : कोर्ट ने चारों दोषियों को सुनाई फांसी की सजा

Update: 2019-12-20 11:13 GMT

नई दिल्ली। राजस्थान की एक विशेष अदालत ने जयपुर बम विस्फोट मामले में शुक्रवार को चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। इससे पहले बुधवार को चार को दोषी ठहराया था जबकि एक आरोपी को दोषमुक्त करार दिया गया था।

अदालत ने इस मामले में आरोपी मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को दोषी माना है जबकि शाहबाज हुसैन को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया।

लोक अभियोजक श्रीचंद ने भाषा को बुधवार को बताया था कि चार आरोपियों को दोषी ठहराया गया है। उनको भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307,324, 326, 120 बी, 121ए और 124 ए, 153 ए के तहत दोषी माना गया है। इसके अलावा विस्फोट पदार्थ अधिनियम की धारा तीन के तहत तथा विधि विरूद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धारा 13, 16, 1 ए और 18 के तहत भी उन्हें दोषी ठहराया गया है।

उल्लेखनीय है कि इस मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने पिछले महीने फैसला सुरक्षित रख लिया था। राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को शाम लगभग सवा सात बजे 15 मिनट में सिलसिलेवार आठ बम धमाके हुए थे। लगभग 11 साल पहले हुए इन आठ सिलसिलेवार बम धमाकों ने जयपुर के परकोटे शहर को हिला दिया था। इन धमाकों में कम से कम 70 लोगों की मौत हुई थी और 185 घायल हुए थे।

पहला धमाका चांदपोल हनुमान मंदिर और उसके बाद दूसरा सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर पर हुआ था। इसके बाद बड़ी चौपड़, जोहरी बाजार, छोटी चौपड़ और तीन अन्य स्थानों पर धमाके हुए थे। बम धमाके के बाद राज्य सरकार की सिफारिश पर उच्च न्यायायल ने मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत गठित की थी।

इन पांच के अलावा विस्फोट मामले में आरोपी शादाब, मोहम्मद खालिद व साजिद अब भी फरार हैं जबकि दो आरोपी मोहम्मद आतिफ व छोटा साजिद सितंबर 2008 में दिल्ली के बाटला हाउस मुठभेड़ में मारे गए थे। बम विस्फोट के दौरान इलाके में मौजूदा एक रिक्शा चालक हनुमान प्रसाद ने कहा, ''मैं चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर खड़ा था, जब मैंने एक जोरदार धमाके की आवाज सुनी। मुझे चोट आई और बेहोश हो गया। लगभग तीन महीने तक अस्पताल में रहा। मेरे जीवन का भयावह दिन था जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता।''

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