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INX मीडिया डील: चिदम्बरम पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, CBI पहुंची घर

Update: 2019-08-20 13:44 GMT

नई दिल्ली/वेब डेस्क। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया डील मामले में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इसे चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करने की कोशिश की, लेकिन चीफ जस्टिस की बेंच सुनवाई से उठ चुकी थी। उसके बाद कपिल सिब्बल ने रजिस्ट्रार के समक्ष जल्द सुनवाई के लिए मेंशन किया पर रजिस्ट्रार ने भी तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया। अब सिब्बल बुधवार 21 अगस्त को जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इसे जल्द सुनवाई के लिए मेंशन करेंगे। इससे पहले ही सीबीआई ने घर पर दस्तक दे दी। 

मंगलवार की दोपहर बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया था। जस्टिस सुनील गौर ने जब यह फैसला सुनाया तो चिदंबरम के वकील ने चिदंबरम की गिरफ्तारी पर तीन दिन की रोक लगाने की मांग की तो कोर्ट ने उठते हुए कहा कि हम इसे देखेंगे। बाद में कोर्ट ने उनकी यह मांग भी खारिज कर दी। उसके बाद चिदंबरम के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी। उनके वकील हरकत में आ गए और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि चिदंबरम ही पूरे घोटाले के किंगपिन यानि सरगना हैं। वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जो साक्ष्य मौजूद हैं वो उन्हें अग्रिम जमानत की अनुमति नहीं देता है।

सुनवाई के दौरान सीबाआई और ईडी ने हाई कोर्ट से कहा था कि आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच के लिए पी चिदंबरम से पूछताछ के लिए उनकी हिरासत जरूरी है। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पी चिदंबरम पूछताछ के दौरान टालमटोल करते रहे और अपनी जानकारी का खुलासा नहीं कर रहे हैं। इसलिए उनको हिरासत में लेकर पूछताछ जरुरी है।

चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि चिदंबरम को जून 2018 में सिर्फ एक बार सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था और एफआईआर में आरोपी के रूप में भी उनका नाम नहीं है। उन्होंने कहा था कि मामले में जाे पांच आरोपित हैं और उनमें से चार जमानत पर हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले के बारे में सिब्बल ने कहा था कि चिदंबरम को जब भी ईडी ने जांच के लिए बुलाया है, वे जांच में शामिल हुए हैं। 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रुपये के आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की भूमिका विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में है।

आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई । इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। (हि.स.)

 

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