नई दिल्ली। भारत क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौता में शामिल नहीं होगा। सूत्रों की मानें भारत ने भारत क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है। पीएम ने भारत की प्रमुख चिंताओं को लेकर समझौता नहीं करने का फैसला किया है। भारत के हितों से किसी भी तरह के समझौता नहीं होगा।
भारत और आसियान सदस्यों समेत 16 देशों के नेता आपस में दुनिया का सबसे बड़ा मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने को लेकर आज घोषणा करने वाले थे। मगर समझौते पर कुछ नए उभरे मुद्दों को लेकर ही भारत ने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित इन देशों के नेता यहां तीन दिवसीय आसियान सम्मेलन, पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन और आरसीईपी व्यापार वार्ता के सिलसिले में यहां मौजूद हैं। आरसीईपी को लेकर बातचीत सात साल से चल रही है लेकिन बाजार खोलन और कुछ वस्तुओं पर प्रशुल्क से जुड़ी भारत की "कुछ नई मांगों" के कारण आरसीईपी समझौते को अंतिम रूप देने में थोड़ी देरी होने के आसर थे।