अंतरिक्ष में उड़ान का सपना होगा पूरा, यह आएगा खर्चा...

Update: 2018-08-28 09:36 GMT

नई दिल्ली। भारत 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने से पहले इसरो भारत के एक नागरिक को अंतरिक्ष में भेजने वाला है। इस पर करीब 10 हज़ार करोड़ रुपए का खर्चा आएगा और यह तीन चरणों में होगा। पहले दो चरण मानव रहित होंगे।

प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त को लालकिले से घोषित इस ऐतिहासिक योजना का विवरण देने के लिए आयोजित पत्रकार वार्ता में अंतरिक्ष विभाग के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस मिशन में 10 हज़ार करोड़ रुपए से कम का खर्चा आएगा, जो भारत के दृष्टि से भी सस्ता है। यह भारत का पहला मानव सहित अन्तरिक्ष मिशन होगा और भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश ने अंतरिक्ष क्षेत्र अनेक पहल जैसे स्मार्ट सिटी, सर्वे रॉड, रेल, मौसम, कृषि क्षत्रों में प्रयोग किया है। भारत का यह मिशन दुनिया के लिए एक संदेश है कि हम कहाँ पहुंच गए है।

इस अवसर पर इसरो प्रमुख के. शिवम ने बताय कि तीन चरणो में मिशन को 2022 में आज़ादी के 75 वर्ष होने से 6 महीने पहले पूरा करने की योजना है। 30 महीने और 36 महीने बाद दो मानवरहित मिशन अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे। वहीं 40 महीने बाद मानवयुक्त मिशन अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

उन्होंने बताया कि यह अब तक का सबसे जटिल मिशन होगा जिसमें हम एक मानव को भेज रहे हैं। श्रीहरिकोटा से मिशन अपनी उड़ान के 16 मिनट में पृथ्वी से 400 किमी की ऊंचाई पर पहुंचेगा। यहां अंतरिक्ष यात्री 6 से 7 दिन रहेंगे। इसके बाद यात्रीग्रह को पहले 120 किमीं की ऊंचाई पर लाया जाएगा और फिर अरब सागर में यान को उतार जाएगा। इसमें 36 मिनट लगेंगे।

उन्होंने बताया कि सात दिनों के दौरान कम गुरुत्व की स्थिति में कई प्रयोग किये जाएंगे जो पहले विश्व में भेजे गाये मिशन से जुड़ी जानकारी को उन्नत करेंगे। उन्होंनेकहा कि आवश्यक सभी जरूरी तकनीक को विकसित कर लिया गया है।

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