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बेहतर सैन्य प्रौद्योगिकी के कारण पाकिस्तान पर भारी पड़ी वायुसेना : धनोआ

Update: 2019-04-15 13:09 GMT

नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा कि बालाकोट आतंकी अड्डे पर हमले और बाद में पाकिस्तान के युद्धक विमानों से हुई मुठभेड़ में वायुसेना को इसलिए सफलता मिली क्योंकि हमारे पास बेहतर सैन्य प्रौद्योगिकी थी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को यदि राफेल युद्धक विमान समय पर मिल जाते तो और बेहतर नतीजे मिलते।

वायुसेना प्रमुख मार्शल अर्जन सिंह की जन्मशताब्दी के सिलसिले में वायुशक्ति अध्ययन केंद्र में आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बालाकोट ऑपरेशन में वायुसेना को इसलिए सफलता मिल सकी क्योंकि हमारे पास सटीक मार करने वाले मिसाइल थे। बाद में पाकिस्तान के युद्धक विमानों के साथ हुई मुठभेड़ में अपग्रेडेड मिग-22 वाइसन और मिराज-2000 युद्धक विमानों की बदौलत हम दुश्मन पर भारी पड़े। उल्लेखनीय है कि इस मुठभेड़ में मिग-21 वाइसन ने पाकिस्तान को अमेरिका से मिले अत्याधुनिक एफ-16 युद्धक विमान को मार गिराया गया था। धनोआ ने कहा कि यदि हमारे पास राफेल युद्धक विमान होते तो और बेहतर नतीजे होते।

चीफ एयर मार्शल धनोआ ने कहा कि अगले दो चार वर्षों के दौरान जब वायुसेना के बेड़े में राफेल युद्धक विमान आ जाएंगे और देश में मिसाइल विरोधी एस-400 सैन्य प्रणाली स्थापित हो जाएगी तो वायुसेना के लिहाज से दुश्मन के मुकाबले संतुलन हमारे पक्ष में हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 में संसद पर हमले के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन पराक्रम के दौरान भी वायुसैन्य संतुलन भारत के पक्ष में था।

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