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SC से नहीं मिली राहत तो क्या करेंगे कमलनाथ?

Update: 2020-03-18 06:33 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। बीजेपी की ओर से शिवराज सिंह चौहान ने फ्लोर टेस्ट कराने की मांग को लेकर याचिका दायर की है। ऐसे में खबर है कि मध्यप्रदेश में सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार को बर्खास्त कराना पसंद करेंगे।

हालांकि, पार्टी के अंदर एक तबका अदालत के रुख के बाद इस्तीफा देने की वकालत कर रहा है, क्योंकि किसी भी सूरत में बहुमत साबित करना आसान नहीं होगा। उधर, मध्य प्रदेश में भाजपा के नए नेता को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान फिर कमान संभाल सकते हैं, लेकिन बदलाव पर भी विचार हो सकता है जिसमें सिंधिया की राय अहम होगी।

शिवराज सिंह चौहान की फ्लोर टेस्ट कराने की मांग वाली याचिका पर कोर्ट ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल, राज्य सरकार और स्पीकर से जवाब मांगा है। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कोरोना वायरस का हवाला देते हुए सदन में शक्ति परीक्षण कराए बगैर ही सोमवार को सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी थी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के नौ अन्य विधायकों ने सोमवार को न्यायालय में याचिका दायर की थी।

मध्य प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच प्रदेश कांग्रेस अपने बागी विधायकों से संपर्क कायम कराने के लिए मंगलवार को शीर्ष न्यायालय पहुंच गई। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपनी याचिका में न्यायालय से उसके विधायकों को बेंगलुरु में गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाए जाने की केंद्र, कर्नाटक सरकार और प्रदेश की भाजपा इकाई की कार्रवाई को गैरकानूनी घोषित करने का आग्रह किया गया है। कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक गोविंद सिंह द्वारा दायर इस याचिका में पार्टी ने कहा है कि सदन में विश्वास मत की कार्यवाही विधानसभा के सभी निर्वाचित विधायकों की उपस्थिति में होनी चाहिए।

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