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नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विपक्ष की गांधी शांति यात्रा शुरू

-यशवंत सिन्हा बोले-गांधी की दोबारा हत्या नहीं होने देंगे

Update: 2020-01-09 05:51 GMT

मुंबई। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की अगुवाई में नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विपक्ष की मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया से गांधी शांति यात्रा शुरू हो गई है। इस गांधी शांति यात्रा को शुरू करने के लिए कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और नवाब मलिक भी गेट वे ऑफ इंडिया पहुंचे। मुंबई से शुरू हुआ यह गांधी मार्च 21 दिन बाद दिल्ली के राजघाट पर खत्म होगा। दरअसल, सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ और दिल्ली के जेएनयू हमले जैसी 'सरकार प्रायोजित हिंसा' की सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर यशवंत सिन्हा मुंबई से शुरू हो रही बहुराज्यीय यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं।

गांधी शांति यात्रा शुरू करने से पहले यशवंत सिन्हा ने कहा कि वह लोगों से मिलेंगे और लोगों को सीएए और एनआरसी को लेकर अपना संदेश देंगे। वह लोगों को बताएंगे कि सीएए और एनआरसी से उनका क्या नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि हम अंबेडकर जी द्वारा बनाए गए संविधान की रक्षा करेंगे और गांधी जी की दोबारा हत्या नहीं होने देंगे।

इस यात्रा को एनसीपी शरद पवार ने हरी झंडी दिखाई। इस यात्रा में एनसीपी कार्यकर्ता और नेता भी शामिल हुए है। बता दें कि महाराष्ट्र में एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस तीनों गठबंधन में है।

यशवंत सिन्हा ने मुंबई में पत्रकारों से कहा कि 'गांधी शांति यात्रा' के दौरान सरकार से यह मांग भी की जाएगी कि वह संसद में घोषणा करे कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) नहीं कराई जाएगी।''

यह यात्रा महाराष्ट्र के गेटवे ऑफ इंडिया से होकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा से होते हुए 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर समाप्त होगी। इस दौरान तीन हजार किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा। बता दें कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है।

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