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राज्यसभा में विदेश मंत्री बोले - वुहान में भारत के 80 छात्र, हम पड़ोसी देश के नागरिकों को निकालने के लिए भी तैयार

Update: 2020-02-07 13:02 GMT

नई दिल्ली। चीन में फैले कोरोना वायरस को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा है कि हम न केवल अपने लोगों को बल्कि पड़ोसी देश के उन लोगों को भी वापस लाने के लिए तैयार थे जो आना चाहते थे। यह एक प्रस्ताव था जो हमारे सभी पड़ोसियों के लिए बनाया गया था लेकिन मालदीव के केवल 7 नागरिकों ने प्रस्ताव का लाभ उठाना ठीक समझा।

चीन में कोरोना वायरस को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में बताया कि भारत के लगभग 80 छात्र वुहान में हैं। इसमें से 10 छात्र एयरपोर्ट पर आए थे लेकिन स्क्रीनिंग के बाद चीनी प्राधिकरण ने उन्हें उड़ान पर चढ़ने की अनुमति नहीं दी क्योंकि उनको बुखार था। भारतीय दूतावास सभी छात्रों से सम्पर्क में है और हम नियमित रूप से उनकी स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं। इससे पहले चीन में कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर वुहान से 324 भारतीय को एयर इंडिया फ्लाइट की मदद से भारत लाया गया।

गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत कोरोनो वायरस प्रभावित हुबेई प्रांत से पाकिस्तानी छात्रों को बाहर निकालने पर विचार कर सकता है। मंत्रालय ने हालांकि स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने अब तक ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है। कोरोना वायरस प्रभावित वुहान शहर में फंसे सैकड़ों पाकिस्तानी छात्रों ने चीन के बुरी तरह से प्रभावित हुबेई प्रांत से उन्हें निकालने के लिए इमरान खान सरकार से कई बार गुहार लगाई है।

पाकिस्तानी छात्रों द्वारा लगाई गई गुहारों के संबंध में और यह पूछे जाने पर कि क्या भारत उन्हें निकालने में मदद कर सकता है तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'पाकिस्तान सरकार से हमें इस तरह का कोई अनुरोध नहीं मिला है। लेकिन यदि इस तरह की कोई स्थिति उत्पन्न होती है तो उपलब्ध संसाधनों को ध्यान में रखते हुए, हम इस पर गौर कर सकते हैं।'

हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि अनुरोध पर विचार करने के लिए पूर्व शर्तें क्या होंगी। भारत ने वुहान से शनिवार और रविवार को मालदीव के सात नागरिकों समेत 654 लोगों को निकाला है। भारतीय छात्रों को निकाले जाने पर पाकिस्तानी छात्रों ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर अपनी सरकार को भी ऐसा करने के लिए कहा है।

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