SwadeshSwadesh

मप्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में भाजपा ने साबित किया बहुमत

मध्यप्रदेश की विधान सभा का यह छठवां सत्र हुआ शुरू

Update: 2020-03-23 22:15 GMT
वल्लभ भवन में कार्यभार संभालते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

भोपाल / स्वदेश वेब डेस्क।मध्यप्रदेश विधानसभा में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से पेश किए गए विश्वास मत प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गयी। इसके साथ ही एक दिन पुरानी चौहान सरकार ने सदन में बहुमत साबित कर दिया।मुख्यमंत्री  चौहान ने विशेष सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही प्रारम्भ होने के बाद विश्वास मत पेश किया, जिसे आसंदी पर आसीन सभापति जगदीश देवड़ा ने पारित कराने के लिए मतदान की औपचारिकता करायी। सदन में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का एक भी सदस्य मौजूद नहीं था। इस दौरान हुए मतदान में विश्वास मत को ध्वनिमत के जरिए सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

इसके पहले श्री चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि राज्यपाल ने सरकार को पंद्रह दिनों के अंदर सदन में बहुमत साबित करने के लिए कहा था, इसलिए वे विश्वास मत पेश कर रहे हैं। साथ ही  चौहान ने कहा कि उनकी सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता मौजूदा हालातों में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकना है। इस दिशा में कल उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ही आवश्यक कदम उठाना प्रारंभ कर दिए हैं।सभापति देवड़ा ने विश्वास मत प्रस्ताव पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही 27 मार्च, शुक्रवार को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

 20 मार्च को कमलनाथ के इस्तीफे के बाद से ही राजनीतिक घमासान का अंत हुआ था पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफे की वजह भी फ्लोर टेस्ट ही था क्योंकि कांग्रेस के 6 मंत्री सहित 22 विधायक सरकार और कमलनाथ से नाराज होकर उनके इस्तीफा देने तक लगातार विरोध किया। उस समय भाजपा ने भी कई आरोप कमलनाथ सरकार पर लगाए थे और उनके विधायकों के बागी होने की स्थिति में भाजपा की तरफ से शिवराज सिंह ने फ्लोर टेस्ट और बहुमत सिद्ध कराने 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। 3 दिन चली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कर बहुमत साबित करने का आदेश दिया। कमलनाथ ने सरकार को अल्पमत में मानकर फ्लोर टेस्ट से पहले ही प्रेस कांफ्रेंस कर इस्तीफा दे दिया।

कमलनाथ के इस्तीफे के बाद सीएम पद की दौड़ में शिवराज ही सबसे मजबूत दावेदार थे। उसके बाद भाजपा ने सोमवार को शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता घोषित किया। राजभाव में रात 9 बजे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शिवराज चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले मप्र के पहले नेता हैं।

शिवराज के सामने ये हैं चुनौत

 6 महीने के अंदर रिक्त हुईं 24 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव होंगे। शिवराज को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए कम से कम 9 सीटें जीतनी ही होंगी।


Tags:    

Similar News