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1984 सिख दंगों की फिर खुलेगी फाइल, मुख्यमंत्री कमलनाथ मुश्किल में

सिख समुदाय ने जताया संतोष

Update: 2019-09-09 19:15 GMT
 दंगों की दोबारा जांच को गृह मंत्रालय ने दी हरी झंडी

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने उन्नीस सौ चैरासी के सिख विरोधी दंगों की फाइलें दोबारा खोलने का निर्णय लिया है। दिल्ली में हुए इन सिख दंगों में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम है। माना जा रहा है कि इस मामले में कमलनाथ की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं। हालांकि कमलनाथ हमेशा से इन दंगों में अपना हाथ होने से इनकार करते रहे हैं। इतना ही नहीं, उनके खिलाफ किसी तरह की कोई प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गई है। लेकिन, प्रत्यक्षदर्शियों ने कमलनाथ को दंगों के रोज रकाबगंज गुरूद्वारे के सामने भीड़ का नेतृत्व करते देखा, तभी से कमलनाथ बार-बार शक के दायरे में आ जाते हैं। गृह मंत्रालय का यह फैसला आगस्टा वेस्टलेंड मामले के सिलसिले में कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी की गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद आया है। पिछले महीने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और इसी माह के पिछले सप्ताह कर्नाटक के नेता डीके शिवकुमार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। पिछले साल एसआईटी ने कांग्रेस के एक बड़े नेता सज्जन कुमार को दोषी मानते हुए गिरफ्तार किया था।

चैरासी के सिख विरोधी दंगों में अकेले दिल्ली में एक हजार से भी ज्यादा सिखों को कत्लेआम कर दिया गया था। पूरे देश में यह कत्लेआम हवा की तरह फैलता गया और देखते ही देखते कई हजार निर्दाेष सिख उस भीड़ के हत्थे चढ़कर काल कवलित हो गए, जिसका कोई नाम नहीं होता। सिख नेताओं का मानना है कि इस मामले में कांग्रेस सरकार न्याय के नाम पर केवल लीपापोती ही करती रही है। मोदी सरकार-एक में बतौर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पहली बार नई एसआईटी गठित करने का काम किया और न्याय के दरवाजे खोले। दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के वरिष्ठ पदाधिकारी सरदार कुलमोहन सिंह कई बार अपनी बात रख चुके हैं और वे दोषियों को सलाखों के पीछे ले जाने की जिद पर आज भी अडिग बने हुए हैं। इसके लिए पंजाब के सुदूर क्षेत्रों से गवाहों को लाया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों को एसआईटी के समक्ष आपबीती बताने के लिए पेश किए जाने की योजना पर कई महीने से प्रयास जारी है।

सोमवार को गृह मंत्रालय से चैरासी के दंगों की फाइलें खोलने को हरी झंडी मिलते ही सिख समुदाय में एक बार फिर से संतोष की लहर दौड़ गई। दिल्ली भाजपा के विधायक और दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मांग की कि वे तुरंत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को हटा दें। पंजाब में भी सिख समुदाय में तेजी से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कंेद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने गृह मंत्रालय के सिख विरोधी दगों की फाइलें खुलवाने के निर्णय को सिखों की जीत बताया।

कमलनाथ मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए थे तब भी सिखों ने कांग्रेस के इस निर्णय का विरोध किया था। मुख्यमंत्री बने तब भी और सोमवार को जैसे ही फाइल दोबारा खुलने की घोषणा हुई तो सिरसा ने दावा किया कि वे गवाहों को सामने खड़ा कर देंगे। इस तरह दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

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