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चुनाव बांड से आई है चुनावी फंडिंग मे पारदर्शिता : जेटली

Update: 2019-04-07 15:38 GMT

नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के सहयोगियों के आवास पर छापेमारी आयकर विभाग और चुनाव आयोग के बीच तालमेल के आधार पर की जा रही है तथा सरकार से इसका कोई लेना देना नही है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता के अतंर्गत आयकर विभाग और चुनाव आयोग कालेधन के खिलाफ अपने स्तर पर अभियान चला रहे हैं।

इसके साथ ही जेटली ने रविवार को लिखे एक ब्लॉग में कहा कि चुनाव के लिए राजनीतिक दलों को चंदा देने वाली मौजूदा चुनाव बांड प्रणाली का बचाव करते हुए कहा कि इससे चुनाव फंडिंग में पारदर्शिता आई है। चुनाव बांड को लेकर कुछ स्वयंसेवी संगठनों की आलोचना को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रणाली का विकल्प कालेधन के जरिए चुनाव फंडिंग का है।

उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु आदि राज्यों में चुनाव आयोग और राजस्व अधिकारियों के छापों के दौरान बड़ी मात्रा में धनराशि बरामद की है। रिपोर्टों के अनुसार अब तक 15 अरब रूपए की धनराशि जब्त की गई है।

कांग्रेस शासित राज्यों में कालेधन के जरिए चुनाव फंडिंग का उल्लेख करते हुए कहा कि ठेकेदारों और इंजिनियरों के जरिए चुनाव उम्मीदवारों को फंडिंग की जा रही है। एक राज्य जहां चार महीना पहले ही नई सरकार बनी है, 50 हजार तबादले किए गए जिसके जरिए धनराशि जुटाई गई।

उन्होंने कहा कि छापों के दौरान यह बात भी सामने आई कि लोक निर्माण विभाग और सरकार के अन्य विभागों द्वारा जनता के पैसे में हेराफेरी कर उसे राजनीति में पहुंचाया गया।

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