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एक देश एक चुनाव कराए जाने पर खर्च करनी होगी अधिक धनराशि

Update: 2018-09-03 14:14 GMT

नई दिल्ली। अगर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाएं तो नई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और पेपर ट्रेल मशीनों को खरीदने के लिए 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च करनी होगी।

एक साथ चुनाव कराए जाने को लेकर विधि आयोग ने गत सप्ताह जारी अपनी रिपोर्ट में यह बात कही थी। विधि आयोग ने चुनाव आयोग के हवाले से उक्त जानकारी देते हुए कहा था कि 2019 के आम चुनावों के लिए लगभग 10,60,000 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।

आयोग द्वारा जारी रिपोरिट में कहा गया कि चुनाव आयोग ने उसे यह जानकारी दी है कि यदि एक साथ चुनाव कराए जातें हैं तो अभी उसके पास लगभग 12.9 मतपत्र इकाइयों (बीयू), 9.4 लाख नियंत्रण इकाइयों (सीयू) और लगभग 12.3 लाख वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की कमी है। इसके मुताबिक ईवीएम जिसमें एक सीयू, बीयू और वीवीपैट शामिल है, इसकी लागत लगभग 33,200 रुपये हैं।

विधि आयोग ने कहा है कि चुनाव आयोग के अनुसार आगामी चुनाव (लोकसभा व विधानसभा) एक साथाने की स्थिति में ईवीएम की खरीद पर 4,555 करोड़ रुपये का व्यय आएगा। विधि आयोग ने कहा कि ईवीएम मशीन 15 साल तक काम कर सकती है। इसी को ध्यान में रखकर 2024 में दूसरी बार एक साथ चुनाव कराए जाने के लिए 1751.17 करोड़ रुपये और 2029 में तीसरी बार चुनाव कराए जाने के लिए ईवीएम मशीनों की खरीद पर 2017.93 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।

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