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चिकित्सकों को सेवा-भाव का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए : उपराष्ट्रपति

Update: 2018-08-24 17:17 GMT

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेकैंया नायडू ने कहा है कि डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों को मरीजों और उनके परिजनों से सहानुभूति और करुणा के साथ बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के दृष्टिकोण से रोगियों को उपचार-स्पर्श का अनुभव होता है और इलाज के दौरान वे बेहतर महसूस करते हैं।

उपराष्ट्रपति शुक्रवार को विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में किम्स-आइकॉन अस्पताल का उद्घाटन करने के पश्चात उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित कर रहे थे। आंध्र प्रदेश के सड़क और भवन निर्माण मंत्री चौ. अच्चन्नापत्रूडू और अन्य गण्यमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को कम करने के उपाय किए जाने की आवश्यकता है। चिकित्सा सुविधाएं और स्वास्थ्य देखभाल किफायती होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि 434 बिस्तरों की क्षमता वाला यह अस्पताल विशाखापत्तनम शहर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में रहनेवाले लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगा।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें आम लोगों के लिए सस्ती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान चिकित्सकों को सेवा-भाव का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। केवल दवाएं देने से ही चिकित्सकों का कार्य समाप्त नहीं हो जाता है, बल्कि उन्हें लोगों को रोगों की रोकथाम के सम्बन्ध में सलाह देनी चाहिए और मार्गदर्शन करना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सकों को शारीरिक गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेने के लिए आम लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए। जैसे टहलना, दौड़ना, योग अभ्यास और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना। एक स्वस्थ समाज देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाता है। 

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