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कश्मीरी पंडितों की व्यथा सुनकर 15 देशों के राजनयिक भी हुए भावुक

- जम्मू-कश्मीर के हालात का जायजा लेने दो दिवसीय दौरे पर आये हैं 15 देशों के राजनयिक

Update: 2020-01-10 12:00 GMT

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद हालात का जायजा लेने पहली बार दो दिवसीय दौरे पर आए अमेरिका समेत 15 देशों के राजनयिकों ने दूसरे दिन यानि शुक्रवार सुबह जम्मू के विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ बैठक की और यहां के लोगों की समस्याओं को भी सुना।

संगठनों के नेताओं ने राजनयिकों को बताया कि जम्मू-कश्मीर में रही पिछली सरकारों ने किस तरह जम्मू से भेदभाव किया है। इन सरकारों ने जम्मू के लोगों के हितों को नजरअंदाज कर कश्मीर के विकास पर अधिक जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्थिति यह है कि कश्मीर केंद्रित राजनीतिक दलों की स्वार्थी राजनीति के कारण आतंकवाद को बढ़ावा मिला और जिसका खामियाजा जम्मू के लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है।

इस मुलाकात के बाद राजनयिक जम्मू के नगरोटा क्षेत्र में जगती स्थित विस्थापित कश्मीरी पंडितों की कॉलोनी गए और उनका हाल जाना। पिछले 28 सालों से विस्थापन का दंश झेल रहे कश्मीरी पंडितों ने राजनयिकों से उनके साथ हुए भेदभाव व उत्पीड़न से अवगत कराया और यह भी बताया कि उन्हें किन परिस्थितियों में कश्मीर छोड़ने को मजबूर किया गया। अपनी व्यथा सुनाते समय कश्मीरी पंडितों की पीड़ा के भाव साफ उनके चेहरे पर झलक रहे थे जिसे देख राजनयिक भी भावुक हो गए। 

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