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ये है कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल की नाराजगी का कारण

नाराज़ विधायक से मिले पीसी शर्मा और गोविंद सिंह, डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू

Update: 2020-01-19 00:00 GMT

भोपाल/वेब डेस्क। विधानसभा के बाहर धरने के बाद नाराज़ कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल को मनाने की कवायद शुरू हो गई है। कमलनाथ सरकार के मंत्री पीसी शर्मा और डॉक्टर गोविंद सिंह उन्हें मनाने जुट गए हैं। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा के बंगले पर हुई इस मुलाकात में तीनों ने साथ बैठकर पहले चाय पर चर्चा की और फिर गिले शिकवे दूर करने की कोशिश की गई।

'वचन पत्र के वायदे याद दिलाए'

विधायक मुन्नालाल गोयल ने कहा कि उनकी नाराजगी किसी से नहीं है। कांग्रेस पार्टी में लोकतंत्र है लिहाजा मैंने गांधीवादी तरीके से अपना विरोध दर्ज कराया। मैंने धरना सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि वचन पत्र के वायदों को याद दिलाने के लिए दिया था।

'कांग्रेस विधायकों को बोलने का अधिकार है'

वहीं जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस विधायकों को बोलने का अधिकार है। अगर कोई अधिकारी किसी विधायक की नहीं सुनेगा तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। सरकार से विधायक की नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है। आपको बता दें कि ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं।

ये है विधायक गोयल की नाराज़गी का कारण

कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल इससे पहले शनिवार सुबह 11 बजे विधानसभा पहुंचे। उन्होंने वहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और धरने पर बैठ गए। मुन्नालाल गोयल इस बात से नाराज थे कि सरकार में विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही और उनके विधानसभा क्षेत्र में गरीबों पर कड़ाके की ठंड में बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। गोयल ने भूमिहीन गरीबों को पट्टे देने के कांग्रेस के वचन की भी चिट्ठी लिखकर सीएम कमलनाथ को याद दिलाई थी। गोयल एडीएम अनूप सिंह द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार करने से भी नाराज हैं।

विधायक मुन्नालाल गोयल ने लिखी थी सीएम को चिट्ठी

18 जनवरी को विधानसभा के बाहर धरना देने से पहले कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल ने 17 जनवरी को अपना विरोध दर्ज कराते हुए विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया था। गोयल ने सीएम कमलनाथ को लिखी चिट्ठी में अपनी नाराजगी जाहिर की थी।

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